दुनिया के सबसे लोकप्रिय खेल फुटबॉल की साख पर बुधवार को बट्टा लग गया। स्विट्जरलैंड के ज्युरिख शहर में जब फीफा के नए अध्यक्ष के चुनाव की तैयारी चल रही थी, तब इस संस्था के कई शीर्ष अधिकारियों को पुलिस ने भ्रष्टाचार में लिप्त होने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। इस खबर से पूरे विश्व में सनसनी फैल गई। हालांकि फुटबॉल पहले भी कई बार सवालों के घेरे में आ चुकी है। इस तरह के प्रकरण खेल के लिए एक बदनुमा दाग होते हैं। उम्मीद है कि पुलिस दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी, जिससे फिर कोई प्रशंसकों की भावनाओं और इस खेल की प्रतिष्ठा से खिलवाड़ न कर सके।
स्विट्जरलैंड के ज्युरिख में जांच प्राधिकरण ने एक बड़ा अभियान चलाकर अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल महासंघ (फीफा) के 14 उच्च पदाधिकारियों को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में फीफा के उपाध्यक्ष भी शामिल हैं। ये सभी यहां के एक लग्जरी होटल में गुरुवार से शुरू हो रहे सम्मेलन की तैयारी कर रहे थे। इन सभी को अब रिश्वत में 10 करोड़ डालर से अधिक लेने के आरोप में निर्वासित करके अमेरिका भेजा जा सकता है। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि जिन 14 लोगों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, उनमें नौ फुटबॉल अधिकारी शामिल हैं। इस बीच, फीफा के प्रवक्ता ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल की शीर्ष संस्था इस स्थिति पर स्पष्टीकरण चाहता है और गिरफ्तारी पर टिप्पणी नहीं करेगा।
षडयंत्र और भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के बाद अमेरिका के संघीय अभियोजकों ने 14 व्यक्तियों के खिलाफ आरोप लगाए हैं जिसमें फीफा के आलाधिकारी भी शामिल हैं। स्विट्जरलैंड के अधिकारियों ने इनमें से सात को ज्यूरिख में गिरफ्तार करने की घोषणा की जिससे खेल की सर्वोच्च संचालन संस्था के फैसले लेने की प्रक्रिया पर सवालिया निशान लग गया है। न्यूयार्क की अदालत में बुधवार को जिन लोगों के खिलाफ अभियोग में आरोप लगे उनमें फीफा के आलाधिकारी भी शामिल हैं। जिन फुटबॉल अधिकारियों पर धोखाधड़ी और रिश्वत के आरोप लगे हैं उनमें महाद्वीपीय परिसंघ सीओएनसीएसीएएफ के मौजूदा और पूर्व अध्यक्ष जफ्रे वेब और जैक वार्नर भी शामिल हैं।
जिन अधिकारियों को जांच अधिकारियों ने गिरफ्तार किया है वे सभी यहां फीफा कांग्रेस में शामिल होने आए थे। फीफा के वर्तमान अध्यक्ष सेप ब्लेटर और जार्डन के राजकुमार अली बिन अल हुसैन के बीच शुक्रवार को चुनाव होना है और सभी अधिकारियों के इसमें शामिल होना था। इस चुनाव में सेप ब्लेटर के लगातार पांचवीं बार अध्यक्ष चुने जाने की पूरी संभावना थी, लेकिन इस घटना ने सारी परिस्थितियों को ही बदल डाला है।
रिपोर्ट के अनुसार एक दर्जन से भी अधिक पुलिस अधिकारियों ने ज्युरिख के एक होटल में सुबह तड़के सादे कपड़ों में छापेमारी की। ज्यूरिख पुलिस अधिकारी सादी वर्दी में बुधवार को तड़के एक लग्जरी होटल में घुसे। उन्होंने न्यायालय से मिले आदेश को दिखाया और संदिग्ध अधिकारियों के कमरों की चाबियां हासिल कर लीं। अधिकारियों की गिरफ्तारी बिना किसी शोर-शराबे के की गई। गिरफ्तार किए गए फीफा अधिकारियों से बाद में पूछताछ की जाएगी। स्विस संघीय न्याय कार्यालय (एफओजे) ने कहा है कि इस मामले में 10 करोड़ डॉलर से अधिक की रिश्वतखोरी शामिल है, जो फुटबाल टूर्नामेंटों के लिए 1990 के दशक में हुए व्यावसायिक करारों से संबंधित है। कार्यालय ने यह भी साफ किया कि फीफा अध्यक्ष सेप ब्लैटर गिरफ्तार लोगों में शामिल नहीं हैं।
न्यूयार्क पूर्वी जिला का अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय गिरफ्तार फीफा अधिकारियों की इस संदेह के आधार पर जांच कर रहा है कि इन्होंने 1990 के दशक के प्रारंभ से लेकर अबतक की अवधि के बीच रिश्वत ली थी। इस दौरान 1994 वर्ल्ड कप का आयोजन अमेरिका में आयोजित हुआ था। न्यूयार्क टाइम्स ने एक जांच अधिकारी के हवाले से कहा, ‘ऐसा लग रहा है कि यह भ्रष्टाचार एक संगठित तरीके से हो रहा है और इसने फीफा में अपनी जड़ें काफी गहरी जमा लीं हैं। यह इन भ्रष्ट अधिकारियों के व्यवसाय करने का ही एक तरीका बन चुका है।’ जांच का प्रमुख ध्यान उत्तरी अमेरिका, केंद्रीय अमेरिका और कैरेबियाई देशों में फुटबाॠल की संस्था (कोनकाकैफ) पर लगा हुआ है। यह क्षेत्र लगातार विवादों के घेरे में रहा है और इसके पूर्व प्रमुख जैक वार्नर का वर्ष 2011 में इस्तीफा देने से पहले लगातार भ्रष्टाचार के आरोपों से चोली और दामन का साथ रहा।
एक अलग मामले में स्विट्जरलैंड की पुलिस ने 2018 फुटबॉल वर्ल्ड कप की मेजबानी के अधिकार रूस और 2022 के टूर्नामेंट के अधिकार कतर को दिए जाने से संबंधित जांच के संदर्भ में फीफा मुख्यालय से फाइलें और ईमेल जब्त दिए। साल 2010 में इन टूर्नामेंटों को लेकर फीफा में हुए मतदान के दौरान बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी के आरोप लगे थे। एक प्रवक्ता ने हालांकि कहा कि कुछ भी हो लेकिन, आयोजन स्थलों को बदले जाने का सवाल नहीं उठता।
इस बीच, फीफा प्रवक्ता वाल्टर डि ग्रेगोरियो ने कहा कि वर्तमान अध्यक्ष सैप ब्लेटर जांच में शामिल नहीं हैं और अध्यक्ष पद को लेकर चुनाव पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शुक्रवार को ही होगा। ग्रेगोरियो ने संवाददाताओं से कहा, समय काफी अच्छा नहीं है। फीफा इस कार्रवाई का स्वागत करती है जिसका मकसद फुटबॉल से किसी भी गलत चीज को खत्म करना है। इस बीच ब्लेटर को पांचवां कार्यकाल हासिल करने का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। लेकिन इस घटना के बाद उनके पक्ष में वोट करने वालों की संख्या में कुछ गिरावट आ सकती है।
पुलिस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उसमें खेल मार्किटिंग अधिकारी भी शामिल हैं। जिन पर आरोप है कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय फुटबाल टूर्नामेंटों के लुभावने मीडिया और मार्किटिंग अधिकार हासिल करने के लिए रिश्वत में या तो व्यवस्थित तरीके से 15 करोड़ डॉलर से अधिक दिए या देने को राजी हुए।
‘अभी इस संबंध में लगातार खबरें और इसमें लगातार नई जानकारियां सामने आ रही हैं। इसलिए अभी इस बारे में कोई और टिप्पणी नहीं की जा सकती है लेकिन यह फुटबॉल के लिए दुखद दिन है। एजेंसी