वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने जम्मू एवं कश्मीर को प्राप्त विशेष दर्जे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा हटाने के निर्णय का समर्थन किया और कहा कि Article 370 एक गलती थी और जम्मू एवं कश्मीर को दिए विशेष दर्जे को समाप्त कर इसमें सुधार किया गया।
ICJ में पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के केस को लड़ने वाले वरिष्ठ भारतीय वकील हरीश साल्वे ने बुधवार को नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से Article 370 हटा कर विशेष दर्जे को वापस लेने के फैसले का समर्थन किया, लेकिन उन्होंने इस अनुच्छेद को गलत भी बताया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उनका मानना था कि इस 370 को संविधान में जगह ही नहीं मिलनी चाहिए थी।उन्होंने इस कदम के लिए पाकिस्तान की प्रतिक्रिया को पागलपंती के रूप में वर्णित किया। उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत का एक अभिन्न हिस्सा है और वहां पाकिस्तान का विद्रोह बेबुनियाद।
साल्वे ने कहा, ‘पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर भारत का है, वे (पाकिस्तान) वहां जबरदस्ती बैठे हैं। यदि कोई विवादित क्षेत्र (क्षेत्र में) है, तो वह पीओके है। कश्मीर का संविधान कहता है कि कश्मीर ना सिर्फ भारतीय संविधान में है, बल्कि वह भारत का अभिन्न अंग है। कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, इस बात में कोई संदेह नहीं रहा है, लेकिन कुछ पाकिस्तानी दिमागों में यह बात नहीं बैठ रही।’
एक लंबे समय से जम्मू-कश्मीर में लगे अनुच्छेद 370 से छुटकारा पाने पर बताते हुए, वरिष्ठ वकील ने कहा, ‘मुझे लगता है कि इसे लागू कर देना एक बहुत बड़ी गलती थी। ‘मैं खुद लंबे समय से चाहता था कि अनुच्छेद-370 को हटा दिया जाए, जिसे केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने दुरुस्त कर दिया है। इसे हटाने का यही अकेला तरीका था कि इसे एक झटके में खत्म किया जाए। इस पर चर्चा जैसे शब्दों का इस्तेमाल बेमानी है।’
इस मुद्दे पर कानूनी चुनौती के संदर्भ में, उन्होंने कहा, ‘भारत का सर्वोच्च न्यायालय सुनवाई करेगा और फैसला करेगा कि क्या कुछ गलत था, लेकिन जिस तरह से पाकिस्तान द्वारा दिखाया जा रहा है, वह उनके दिमाग के पूर्ण दिवालियापन को दर्शाता है।’ बता दें कि साल्वे ने यह लंदन में लंदन में भारतीय उच्चायोग में पत्रकारों से बात करते हुए कहा।
जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जे को वापस लेने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया। भारत के फैसले से पाकिस्तान की तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आईं, जिसने राजनयिक संबंधों को कमजोर किया और भारतीय राजदूत को निष्कासित कर दिया। भारत द्वारा जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति को 5 अगस्त को वापस लेने के बाद पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अब तक उसे इसमें कोई सफलता हासिल नहीं हो सकी है। – एजेंसी