खरगौन- एक युवक द्वारा मिडिया और Whatsapp पर दोस्तों को सुसाइड नोट भेजने फिर बाद में फांसी लगाकर खुदकुशी करने का मामला सामने आया है ! युवक ने अपनी मौत का जिम्मेदार बैंक प्रबंधन से जुड़ें लोगों को बताया है। मामला एमपी के खरगोन जिले का है। युवक का नाम मनीष उर्फ मोनू वर्मा था !
जीहां खरगोन जिले के गोगावां में बुधवार सुबह 6 बजे मनीष उर्फ मोनू वर्मा ने घर के पीछे बाड़े में फांसी लगा कर जान दे दी। मोनू आकांक्षा क्रेडिट कोऑपरेटिव बैंक में फायनेंसर था। दो पेज के सुसाइड नोट में मोनू ने बैंक के संचालक मंडल के दिनेश पाटीदार, प्रकाश पाटीदार, नवीन जोशीला, शांतिलाल पाटीदार पर मानसिक रूप से प्रताड़ित और मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
सुसाइड नोट में लिखा है कि बैंक प्रबंधन उससे वह काम करवा रहा था जो उसके जिम्मे नहीं था। इससे वह मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहा था। इन्हें सजा मिलनी चाहिए। आगे उसने लिखा कि वह एक अच्छा पिता, भाई, पति और बेटा न बन सका। अगले जन्म में फिर से इसी घर में पैदा होने की ख्वाहिश जताई। इस समय मोनू की पत्नी सारिका गर्भवती है। उनका एक डेढ़ साल का बेटा दक्ष है।
बेटे की खुदकुशी के बाद मां लक्ष्मीबाई परिजनों के साथ थाने पहुंची। पिता किशोर वर्मा ने बताया बेटे की मौत के जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद पुलिस ने चारों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज कर लिया है लेकिन गिरफ्तारी किसी की नहीं हुई।