ईस्टर के मौके पर श्रीलंका में आठ बम धमाकों को अंजाम देने वाले हमलावरों के खिलाफ ऑल सीलोन जमीयथ्थुल उलामा (एसीजेयू) ने बड़ा फैसला लिया है।
एसीजेयू श्रीलंका में मुस्लिमों की सबसे बड़ी संस्था है। उसने फैसला लिया है कि मस्जिद हमलावरों को नहीं दफनाएंगे। वहीं देश के पुलिस प्रमुख ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
इसके अलावा मुस्लिमों से कहा गया है कि वह शुक्रवार को होने वाली प्रार्थना में शामिल न हों और महिलाओं से कहा गया है कि वह बुर्का पहनना नजरअंदाज करें।
अपने बयान में एसीजेयू ने कहा, ‘मौजूदा स्थिति में हमारी अपनी बहनों को सलाह है कि वह बुर्का पहनकर राष्ट्रीय सुरक्षा बनाए रखने के प्रयासों में बाधा न डालें।’
वहीं मुस्लिम धार्मिक मामलों के मंत्री अब्दुल हलीम मोहम्मद हाशिम ने मुस्लिमों को शुक्रवार को होने वाली प्रार्थना में हिस्सा न लें।
एक पत्र में उन्होंने कहा, ‘कैथोलिक समुदाय के प्रति एकजुटता दिखाते हुए और क्रूर आतंकवादियों के बर्बर कृत्य के विरोध में, मेरी मुस्लिम भाईयों से अपील है कि वह प्रार्थना के लिए इकट्ठा होने से बचें और हमारी मातृभूमि की शांति और सुरक्षा के लिए घर में शुक्रवार की प्रार्थना करें।’
पत्र में लिखा है, ‘हम दुख की इस घड़ी में अपने ईसाई भाईयों और बहनों के साथ हैं।’ श्रीलंका में स्थित अमेरिकी दूतावास ने अपने नागरिकों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
उन्हें वीकेंड के मौके पर विशिष्ट स्थानों को नजरअंदाज करने के लिए कहा गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि श्रीलंका सरकार का कहना है कि अभी और धमाके हो सकते हैं।
इसी बीच श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरीसेना का बयान आया है। जिसमें उनका कहना है कि उन्हें हमलों से पहले मिली खुफिया जानकारी के बारे में अधिकारियों ने सूचना नहीं दी थी।
जबकि भारत सहित कई देशों ने हमलों के बारे में श्रीलंका जांच एजेंसियों को पूर्व सूचना दी थी।
सिरीसेना ने कहा, ‘यदि उन्होंने मुझे सूचना दी होती तो मैं तुरंत कार्रवाई करता। मैंने निर्णय लिया है कि जो लोग अपने कर्तव्य से चूक गए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।’
यह बातें उन्होंने टीवी पर देश को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में देश के सुरक्षा तंत्र का पुनर्गठन किया जाएगा। 24 घंटों के अंदर नेतृत्व में परिवर्तन होगा।