नई दिल्ली- “यौन पसंद निजी और व्यक्तिगत होते हैं, इस पर आरएसएस को सार्वजनिक रूप से अपनी बात क्यों कहनी चाहिए? आरएसएस की इस पर कोई राय नहीं है, लोग इस पर ख़ुद फ़ैसला करें, आरएसएस में सेक्स पर कोई बात नहीं होती है और हम इस पर कोई बात करना भी नहीं चाहते,” यह जवाब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संयुक्त महासचिव दत्तात्रेय होसाबले ने गुरुवार को इंडिया टुडे कॉनक्लेव में एक सवाल पूछे जाने पर दिया ! वहीँ उन्होंने कहा कि “जब तक समाज के दूसरे लोगों की ज़िंदगी प्रभावित नहीं होती, मैं नहीं समझता कि समलैंगिकता को अपराध माना जाना चाहिए !”
लेकिन अगले ही दिन शुक्रवार को होसाबले ने इस मुद्दे पर सफ़ाई दी और कहा, “समलैंगिकता अपराध नहीं है पर यह हमारे समाज में अनैतिक है ! इससे जुड़े लोगों को दंड देने की ज़रूरत नहीं है ! पर इसे मनोवैज्ञानिक मामला मानते हुए उनका इलाज किया जाना चाहिए !” भारतीय दंड संहिता की धारा-377 में समलैंगिकता को अप्राकृतिक माना गया है और इसके लिए अधिकतम 10 साल की क़ैद की सज़ा हो सकती है !
ज्ञात हो कि कांग्रेस सांसद और पूर्व केद्रीय मंत्री शशि थरूर ने इसमें संशोधन के लिए दो बार निजी विधेयक लोकसभा में पेश किया, पर वह पारित नहीं हो सका !
भारतीय जनता पार्टी के सुब्रमण्यम स्वामी ने इसके पहले नवंबर 2015 में कहा था कि समलैंगिकता एक जेनेटिक दोष है ! यह पूछे जाने पर कि इसका निदान क्या है, उन्होंने कहा कि स्टेम सेल से इसे ठीक किया जा सकता है ! इसी तरह योग गुरु रामदेव के मुताबिक़ समलैंगिकता ग़लत यौन पसंद है और इसे योग के ज़रिए ठीक किया जा सकता है !