नई दिल्ली : पाकिस्तान के चर्चित आलराउंडर क्रिकेटर शाहिद अफरीदी ने रविवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी। इस तरह उनका 21 साल का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का शानदार और कभी-कभी विवादास्पद कैरियर समाप्त हो गया।
अफरीदी ने जारी माह की शुरुआत में ही संकेत दे दिए थे कि उनका अंतरराष्ट्रीय करियर लगभग खत्म हो गया है. उन्होंने कहा था कि वह अब फ्रीलांस क्रिकेटर बनना चाहते हैं और दुनिया भर में लीग में खेलने का आनंद लेना चाहते हैं।
इस 36 वर्षीय क्रिकेट स्टार ने पहले ही टेस्ट और वनडे क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। हालांकि 2016 में भारत में हुई टी20 वर्ल्ड चैंपियनशिप में अफरीदी पाकिस्तान टी20 टीम के कप्तान थे। टूर्नामेंट के बाद वे कप्तान पद से हट गए, लेकिन एक खिलाड़ी के रूप में खेल के छोटे प्रारूप में अपना कैरियर जारी रखा।
शाहिद अफरीदी क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में तब से बस गए थे जब सन 1996 में श्री लंका के खिलाफ खेलते हुए उन्होंने सिर्फ 37 बॉलों पर शतक बना डाला था। यह उनका दूसरा ही मैच था। उनके इस रिकॉर्ड को 17 साल तक कोई नहीं तोड़ पाया. अपने करियर के उत्तरार्ध में अफरीदी बॉलिंग ऑलराउंडर के रूप में स्थापित हो गए। टी-20 क्रिकेट में पाकिस्तान की शुरुआती सफलता का दारोमदार अफरीदी पर ही रहा। वर्ष 2009 में पाक की जीत में उनकी महती भूमिका रही। अफरीदी ने अपने इंटरनेशनल क्रिकेट करियर में 27 टेस्ट मैच खेले। इन मैचों में उन्होंने 1176 रन बनाए. उनका उच्चतम स्कोर 156 रहा। उन्होंने 48 विकेट लिए।
एक दिवसीय मैचों के मामले में अफरीदी ने कुल 398 मैच खेले। इनमें उन्होंने 8,064 रन बनाए। वनडे में अफरीदी का उच्चतम स्कोर 124 रनों का है। लेग स्पिन गेंदबाजी से अफरीदी ने कुल 395 विकेट झटके। टी20 में उन्होंने कुल 98 इंटरनेशनल मैच खेले। इनमें उन्होंने 1405 रन बनाए। उन्हें कुल 97 विकेट हासिल हुए।