पटना : बिहार विधानसभा में आखिरकार वही हुआ जिसका डर था। धक्कामुक्की और गाली-गलौज सब हुआ। देख लेने की धमकी तक दी गई। आज सुबह से ही मुजफ्फरपुर शराब मामले को लेकर विपक्ष तेवर दिखा रहा था।
भू-राजस्व मंत्री रामसूरत राय से इस्तीफे की मांग पर अड़े विपक्ष ने सदन में जबर्दस्त हंगामा किया। मामला अभी गरम ही था कि दूसरी पाली में स्वास्थ्य विभाग के बजट पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अचानक फिर से शराबबंदी पर बात शुरू की। इस पर टोकाटोकी शुरू हो गई। इसपर तेजस्वी ने कह दिया कि नेता प्रतिपक्ष का पद संवैधानिक होता है। मगर उप मुख्यमंत्री का पद संवैधानिक नहीं होता है। इसपर सत्ता रूढ़ दल के विधायक भड़क गए।
बीजेपी विधायक संजय सरावगी और मंत्री जनक राम ने कड़ी आपत्ति जताई। जिसके बाद तेजस्वी के बड़े भाई और विधायक तेज प्रताप यादव ने सत्तारूढ़ दल के विधायकों की ओर अंगुली दिखाकर कुछ ऐसी बातें कह दी, जो नागवार गुजरी। जिससे दोनों तरफ के विधायक आमने-सामने आ गए। आपस में गाली-गलौज करते हुए भिड़ गए। तेजस्वी भी बोलते जा रहे थे। उन्होंने कह दिया कि मेरे मुंह खोलते ही सत्तारूढ़ दल कांपने लगता है। देखते ही देखते मिनटों में और बवाल मच गया। बात इतनी बढ़ी कि मार्शल ने विधायकों को अलग किया।
विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कार्यवाही स्थगित कर दी। कार्यवाही स्थगन के बाद भी सदन में विपक्षी दल नारेबाजी करते रहे। अध्यक्ष ने सख्त और गंभीर लहजे में कहा जो आज विधानसभा में जो हुआ वो नहीं होना चाहिए । कार्यवाही में इस तरह की चीजें बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दूसरी पाली के पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में विपक्षी सदस्यों ने राजभवन तक मार्च निकाला था। इस दौरान तेजस्वी बेहद आक्रामक रहे। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार विधानसभा में बात रखने नहीं दे रही है। विधानसभा जेडीयू और बीजेपी का दफ्तर हो गया है।