जदयू के बागी नेता शरद यादव और अली अनवर की राज्यसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है। राज्यसभा सचिवालय ने सोमवार रात यह जानकारी दी। नीतीश कुमार के गुट ने उपराष्ट्रपति से इन दोनों नेताओं की सदस्यता खत्म करने की अपील की थी।
सदस्यता रद्द होने पर अली अनवर ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी उस वक्त मिली जब वे राजकोट में एक मीटिंग में शामिल थे। उन्होंने कहा कि वे शरद यादव से बात करेंगे और फैसला साथ ही लिया जाएगा।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के इस फैसले से शरद यादव को तगड़ा झटका लगा है। शरद और अली अनवर ने बिहार में भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने के नीतीश के फैसले का विरोध किया था और पार्टी से बगावत कर दी थी। इसके बाद जदयू ने अगस्त में शरद को राज्यसभा में पार्टी नेता के पद से हटा दिया था।
नीतीश गुट ने राज्यसभा सचिवालय से शरद और अली अनवर की सदस्यता खत्म करने की अपील की थी। इस पर फैसला सुरक्षित था जो अब आया है। इससे पहले चुनाव आयोग से भी शरद को झटका लगा था। आयोग ने पार्टी के चुनाव चिन्ह तीर पर नीतीश गुट के दावे को सही ठहराया था।
राज्यसभा सचिवालय के इस फैसले से 15 दिसंबर से शुरू हो रहे संसद सत्र में हंगामा होने के आसार बढ़ गए हैं। विपक्ष इसे मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा। जदयू ने इस फैसले का स्वागत किया है। पार्टी ने कहा कि इससे संविधान की 10वीं अनुसूची और राजनीतिक शुचिता की रक्षा हुई है। वहीं अली अनवर ने कहा कि इस फैसले का उन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।