नई दिल्ली- बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने मंगलवार को मशहूर उपन्यासकार चेतन भगत को आड़े हाथों लिया। एक के बाद एक ट्वीट्स के जरिए उन्होंने चेतन द्वारा राष्ट्रीय टीवी चैनल पर राहुल गांधी की तुलना वरिष्ठ बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी से करने पर गुस्सा जाहिर किया।
पीएम मोदी का सर्वे प्लांटेड- शत्रुघ्न सिन्हा
बता दें कि सिन्हा, आडवाणी के करीबियों में से हैं और उन्होंने बीजेपी व एनडीए का पीएम उम्मीदवार आडवाणी को बनाने के लिए लॉबीइंग भी की थी। अपने ट्वीट्स में सिन्हा ने लिखा, मैं हमारे बुद्धिजीवी मित्र चेतन भगत से थोड़ा निराश हूं जो 27 फरवरी को राष्ट्रीय चैनलों पर सरकारी और दरबारी की तरह सुनाई दिए।
अमिताभ बनें देश के राष्ट्रपति: शत्रुघ्न सिन्हा
हमारे दोस्त और वरिष्ठ राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी पर हमला करते हुए कहा कि वह रिजल्ट ओरियंटेड नहीं हैं और हटाए जाने चाहिए, मुझे लगता है कि उन्होंने हमारे बेहद सम्माननीय, योग्य और स्वीकार्य नेता, दोस्त, दार्शनिक और गाइड माननीय लालकृष्ण आडवाणी के साथ गैर-जरूरी तुलना की।
सिन्हा ने आगे लिखा, मैं आपसे क्षमा चाहता हूं चेतन! क्या उन्हें (आडवाणी) सच में इसलिए हटाया गया था, क्योंकि उन्होंने काम नहीं किया था, या कुछ लोगों के डर, संकुचिता और असुरक्षा या शायद हितों के चलते उन्हें काम करने की अनुमति नहीं थी और सीन से हटवा दिए गए। क्या सब लोग यह बात जानते हैं? आज, वह और यहां तक कि मेरे जैसे लोग भी किसी अभियान में नहीं दिखते, इसलिए नहीं कि हमें जांच-परखने के बाद प्रभावशाली नहीं पाया गया, बल्कि इसलिए जिसे शायद आप इसे घर की राजनीति कह सकें।
भारत असहिष्णु होता तो पीके हिट नहीं होती
हम पार्टी के भीतर अनुशासन में विश्वास रखते हैं और कोई विवाद नहीं खड़ा करना चाहते। हमें बुलाया नहीं गया और आज प्रचार के खत्म होने तक हमारी रुचि भी नहीं रह गई है। लेकिन पार्टी विश्वासपात्र होने के बाद हम उम्मीद करते हैं, इच्छा रखते हैं और प्रार्थना करते हैं कि हमें मनचाहे नतीजे मिलें और हमारे लोग और पार्टी अपेक्षा से ज्यादा सीटें जीते।”
राजनीति में किसी के लिए कोई सम्मान नहीं
शत्रुघ्न ने साफ किया कि वे बीजेपी में मुख्यत: आडवाणी की वजह से हैं। उन्होंने आगे लिखा, मैं आडवाणी का वफादार हूं। मैं पार्टी में जो कुछ भी हूं, उसकी मुख्य वजह वही हैं। 2 सीटों से लेकर पार्टी आज जहां तक पहुंची है, उस वृद्धि और समृद्धि के पीछे अगर पूरी तरह से नहीं, तो अधिकतर योगदान आडवाणी जी के नेतृत्व का है। सिन्हा ने चेतन को हिदायत देते हुए कहा, मेरे दोस्त चेतन! मैं आपको एक बुद्धिजीवी की तरह देखता हूं, लेकिन सलाह देता हूं कि आप छद्म बुद्धिजीवी न बनिएगा। कृपा करके आडवाणी की के करोड़ों समर्थकों को चोट न पहुंचाएं। हमें उनपर बेहद विश्वास है। आडवाणीजी और पार्टी दीर्घायु हो। [एजेंसी]