चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर सजा का ऐलान गुरुवार को भी नहीं हो सका। अब अदालत शुक्रवार (5 जनवरी, 2017) को अपना फैसला सुनाएगी। लेकिन अदालत में लालू और जज के बीच मजेदार बात जरूर हुई।
अदालत में लालू यादव ने जज से यहां तक कह दिया कि ठंड बहुत है इसलिए थोड़ी ठंड रखिए। लालू ने अपने बेटे तेजस्वी यादव और तीन अन्य साथियों शिवानंद तिवारी, मनीष तिवारी और रघुवंश प्रसाद सिंह को अदालत की अवमानना के आरोप में मिले नोटिस को वापस लेने की गुहार कोर्ट से लगाई। लालू ने अपने वकील होने की बात भी कही।
गुरुवार को जज और लालू यादव के बीच हुई बातचीत इस प्रकार है-
लालू– क्या हमें कल अदालत में हाजिर होना है?
जज – अगर आपको कोई समस्या हो तो बताइए, अपने साथियों से कहिए कोई प्रदर्शन ना करें।
लालू– अगर कोई ऐसा करेगा तो उसे पार्टी से निकाल देंगे। हम सिर्फ अदालत का कहना मानेंगे। हमें वीडियो कॉन्फ्रिंग के बजाय अदालत में प्रत्यक्ष तौर पर बुलाया जाए।
जज – इसके लिए जगदीश शर्मा, बिहार के पूर्व डीजीपी डीपी ओझा जिम्मेदार हैं। उन्होंने फैसले की जाति के आधार पर आलोचना की थी।
लालू – जिन्हें आपने अवमानना का नोटिस दिया है, उन्होंने कुछ नहीं कहा है। वे कह चुके हैं कि कानून का पालन करेंगे।
जज– उन्होंने मेरे फैसले को जाति आधारित कहा।
लालू – यह राजनीति की भाषा है। आपके खिलाफ कुछ भी नहीं कहा। जाति मायने नहीं रखती है। अब तो अंतरजातीय विवाह भी हो रहे हैं। आप अवमानना का नोटिस वापस ले लीजिए।
जज – उन्हें 23 तारीख को अदालत में आना होगा।
लालू – मैं सुप्रीम कोर्ट और हाइकोर्ट का वकील हूं।
जज– आपको जेल में डिग्री कर लेनी चाहिए।
लालू – यहां बहुत ठंड है, आप अपना दिमाग ठंडा रखें।
जज – मैं अपने दिमाग से काम करता हूं। आपके साथियों ने कहा कि मैं पक्षपात करता हूं।
लालू – सर, जेल में एक किन्नर भी बंद है। गलती से आ गया है। कहता है शादी करोगे हमसे। (ठहाकों से गूंज उठा पूरा कोर्ट रूम)
जज – आप हैं तो सब ठीक हो जाएगा।
बता दें कि इस बहुचर्चित मामले में लालू के अलावा 15 अन्य लोगों के खिलाफ शुक्रवार को सजा का एलान होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जज शिवपाल सिंह ने अदालत में खुलासा किया कि सुनवाई से पहले लालू के लोगों ने उन्हें फोन किया था। एएनआई के मुताबिक जज ने लालू से कहा कि आपके कई रेफरेंसेज आए हैं मगर चिंता मत कीजिए, मैं सिर्फ कानून का पालन करूंगा।
क्या है मामला?
950 करोड़ रुपए के चारा घोटाले से जुड़े देवघर कोषागार से 89 लाख 27 हजार रुपए की अवैध निकासी के मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, आर के राणा, जगदीश शर्मा और तीन वरिष्ठ पूर्व आईएएस अधिकारियों समेत 16 दोषियों को सजा होनी है।
सजा का एलान गुरुवार को होना था, जो अब शुक्रवार को होगा। अदालत ने 23 दिसंबर को मामले के सभी दोषियों को बिरसा मुंडा जेल भेज दिया था। इस मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डा. जगन्नाथ मिश्रा, बिहार के पूर्व मंत्री विद्यासागर निषाद, बिहार विधानसभा की लोक लेखा समिति के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत समेत छह लोग निर्दोष करार दिए गए थे।
लालू के लोगों ने अदालत पर पक्षपात करते हुए फैसला करने का आरोप लगाया था। अदालत ने फैसले के खिलाफ कथित बयानबाजी पर संज्ञान लेते हुए लालू के बेटे तेजस्वी यादव, लालू की पार्टी के नेता नेता रघुवंश प्रसाद सिंह, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी और शिवानंद तिवारी को अवमानना नोटिस जारी किया और उन्हें 23 जनवरी को अदालत के में हाजिर होने का आदेश दिया।
लालू प्रसाद यादव ने जेल जाने से पहले कहा था कि राजनीतिक साजिश के तहत उन्हें फंसाया गया है। वह उच्च न्यायालय का रुख करेंगे। उन्हें कानून पर पूरा भरोसा है।