25.1 C
Indore
Friday, November 22, 2024

शिया सुन्नी तनाव: सफल अमेरिकी रणनीति का परिणाम?

2011 में कई अरब व मध्य-पूर्व एशियाई देशों में फैले विद्रोह की आग अब यमन तक फैल गई है। वहां शिया समुदाय से संबंध रखने वाले हूदी मिलीशिया ने राष्ट्रपति आबिद रब्बू मंसूर हादी के विरुद्ध बड़े पैमाने पर विद्रोह कर उन्हें देश छोडक़र भागने के लिए मजबूर कर दिया है। राष्ट्रपति हादी नेे यमन छोडक़र अदन में पनाह ली है जबकि हूदी विद्रोहियों ने यमन की राजधानी सना व उसके आसपास के क्षेत्रों में अपना पूरा नियंत्रण स्थापित कर लिया है। यमन में हालांकि 2011 के बाद से ही शिया-सुन्नी संघर्ष की चिंगारी धधक रही थी जिसने पिछले दिनों एक बड़े विद्रोह का रूप धारण कर लिया।

yemen-rebelsगौरतलब है कि अमेरिकी सैन्य गठबंधन द्वारा तालिबान व उसके समर्थक लड़ाकों को अफगानिस्तान से खदेडऩे के बाद तमाम अलकायदा व अन्य सुन्नी लड़ाकों ने यमन में पनाह ली थी। इस समय यमन में एक ओर शिया विद्रोहियों को उन्हीं सुन्नी अलकायदा व वर्तमान आईएसआईएस समर्थकों से भी दो-दो हाथ करना पड़ रहा है तथा वहां की मान्यता प्राप्त सुन्नी सरकार से भी इनका मुकाबला है। यमन में शिया विद्रोह के बाद राष्ट्रपति मंसूर हादी द्वारा सहायता की अपील के बाद प्रत्याशित रूप से सऊदी अरब ने अपने संयुक्त अरब अमीरात,मिस्र,कुवैत,कतर तथा बहरीन जैसे लगभग दस देशों के गठबंधन के साथ वहां शिया विद्रोहियों के विरुद्ध सैन्य कार्रवाई विशेष कर हवाई हमले शुरु कर दिए है । कहने को तो सऊदी अरब यह कार्रवाई यमन की संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त सरकार को शिया विद्रोहियों से बचाने तथा वहां शांति स्थापित करने के लिए कर रहा है। परंतु दरअसल अरब द्वारा इस कार्रवाई का मकसद यमन में ईरान समर्थित शिया विद्रोहियों को सत्ता पर कब्ज़ा जमाने की कोशिशों से रोकना है। यहां यह भी काबिलेगौर है कि यमन में हूदी मलीशिया को ईरान द्वारा प्रशिक्षित किए जाने तथा इन्हें हथियारों की आपूर्ति करने का आरोप है जबकि ईरान इन आरोपों से इंकार करता आ रहा है।

यमन में पैदा हुए इस ताज़ातरीन घटनाक्रम ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। यमन के बहाने इ्र्ररान व सऊदी अरब को सामने ला खड़ा करने में अमेरिका की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका मानी जा रही है। सवाल यह उठ रहा है कि जिस सुन्नी विशेषकर वहाबी विचारधारा रखने वाले कट्टरपंथी बेरहम आतंकवादी संगठन आईएस ने अबु बकर अल बगदादी के नेतृत्व में सीरिया व इराक सहित कई देशों में आतंक फैला रखा है तथा कट्टरपंथी इस्लामी साम्राज्य स्थापित करने के मंसूबे पर अमल करते हुए आए दिन क्रूरता के नए इतिहास लिख रहा है, सऊदी अरब व उसके सहयोगी देशों ने आखिर  उस आइ्रएसआईएस के विरुद्ध अब तक अपना सैन्य गठबंधन इतनी सक्रियता के साथ क्यों नहीं खड़ा किया? आखिर आईएस के लड़ाकों पर सऊदी अरब व उसके सहयोगी अरब देश इतनी सक्रियता से हवाई हमले क्यों नहीं कर रहे? एक और सवाल इसी आईएसआईएस के जेहादी मिशन से जुड़ा यह कि इन वहाबी सुन्नियों के संगठन के विरुद्ध अमेरिका ने ईरान से ही सहयोग लेने की ज़रूरत क्यों कर महसूस की? इराक व यमन में अमेरिकी रणनीति के अजीबो-गरीब समीकरण दिखाई दे रहे हैं। यानी एक ओर तो यमन में शिया विद्रोहियों के विरुद्ध अमेरिका सऊदी अरब व उसके गठबंधन सहयोगियों को सहयोग दे रहा है तो दूसरी ओर इराक में आईएसआईएस के विरुद्ध ईरान के सहयोग से अपना अभियान चला रहा है। जबकि यमन के विद्रोहियों को ईरानी समर्थन प्राप्त बताया जा रहा है और वहाबी आईएसआइ्रएस लड़ाकों को सऊदी अरब का नैतिक समर्थन हासिल है। ईरान के उपविदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल लाहियान ने पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव से मुलाकात कर यमन में सऊदी अरब के सैन्य हस्तक्षेप को तत्काल रोके जाने की अपील की है। ईरान ने यह चेतावनी भी दी है कि इस प्रकार के हमले सऊदी अरब के हित में कतई नहीं हैं और सऊदी अरब के इस $कदम से पूरे क्षेत्र की शांति को खतरा हो सकता है। ईरानी मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र से मांग की कि वह यमन में अपने प्रभाव का प्रयोग करते हुए सऊदी अरब से यमन में हवाई हमले तत्काल बंद करने को कहे।

यमन में अरब हस्तक्षेप में अमेरिकी भूमिका और इस आग को हवा देने में अमेरिकी जल्दबाज़ी का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले दिनों प्रमुख अमेरिकी मीडिया हाऊस सीएनएन ने यह समाचार प्रसारित किया कि पाकिस्तान भी सऊदी अरब गठबंधन के साथ यमन के शिया विद्रोह को कुचलने में शामिल हो गया है। तथा उसके 15 लड़ाकू विमान यमन में यहूदी विद्राहियों के विरुद्ध हो रहे हवाई हमलों में हिस्सा ले रहे हैं। इस समाचार के प्रसारित होते ही पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने इन समाचारों का ज़ोरदार खंडन करते हुए इस आशय की सभी खबरों को बेबुनियाद बताया और कहा कि पाकिस्तान सऊदी अरब गठबंधन का हिस्सा बनकर यमन में हो रही कार्रवाई में भाग नहीं ले रहा है।

सवाल यह है कि फिर पाकिस्तान के हवाले से इतनी गैर जि़म्मेदराना खबर प्रसारित करने का सीएनएन का मकसद आखिर क्या था?क्या यह विश्व में शिया-सुन्नी समुदायों के बीच फासला पैदा करने तथा पाकिस्तान को अरब समर्थक व ईरान विरोधी देश प्रमाणित करने का एक अमेरिकी प्रयास नहीं तो और क्या था? इस समय यमन के भीतरी हालात सत्ता संघर्ष के उस खतरनाक दौर से गुज़र रहे हैं कि यदि यमनवासियों की अपनी सूझबूझ से यह हालात यथाशीघ्र नियंत्रित नहीं हो सके तो बाहरी दखल अंदाज़ी के चलते युद्ध क्षेत्र बनता जा रहा यमन एक बड़ी अमेरिकी साजि़श का शिकार होने से स्वयं को बचा नहीं सकेगा। और कोई आश्यर्च नहीं कि यमन गृहयुद्ध की भेंट चढऩे के बाद दुनिया में दूसरा सोमालिया बन जाए? और यदि ऐसा हुआ तो यह दुनिया में शांति के नाम पर घडिय़ाली आंसू बहाने वाले अमेरिका की एक सफल रणनीति मानी जाएगी।

पिछले दिनों ईरान के परमाणु मुद्दे को लेकर अमेरिका के रुख में आई नरमी को लेकर भी सऊदी अरब काफी चिंतित है। न तो उसे ईरान के प्रति अमेरिका का बदलता जा रहा लचीला रुख भा रहा है न ही इराक में आईएस के विरुद्ध होने वाले हमलों में अमेरिका-ईरान सहयोग उसके गले उतर रहा है। यमन में सऊदी अरब का सैन्य गठबंधन सहयोगी देशों के साथ दखल अंदाज़ी करना अरब की ईरान के प्रति खीझ का भी एक परिणाम है। इस पूरे घटनाक्रम में एक और मज़े की बात यह भी है कि भले ही पश्चिमी मीडिया आईएसआईएस,यमन प्रकरण तथा हूदी विद्रोहियों के मामलों में ईरान व अरब की अलग-अलग दखल अंदाजि़यों को मुस्लिम जगत के व्यापक स्तर पर होने वाले शिया-सुन्नी तनाव के रूप में क्यों न प्रचारित कर रहे हों, परंतु इसी तस्वीर का एक पहलू यह भी है कि दुनिया के कई मुस्लिम देश तथा आम मुस्लिम जनता इस पूरे घटनाक्रम को शिया-सुन्नी तनाव के रूप में नहीं देखना चाहती।

विश्व की एक बड़ी सुन्नी आबादी का भी यही मत है कि मुस्लिम देशों को ऐसे शासकों से निजात मिलनी चाहिए जो अमेरिका के पिछलग्गू बने रहते हैं। ऐसी विचारधारा रखने वाला विश्व का एक बड़ा सुन्नी वर्ग ईरान के पूर्व राष्ट्रपति अहमदी नेजाद तथा ईरान की अमेरिका के विरुद्ध अपना कड़ा रुख रखने वाली नीतियों का भी समर्थक है। यही वह वर्ग है जो भले ही सद्दाम हुसैन की क्रूरता व उसकी तानाशाही का विरोधी तो ज़रूर था परंतु अमेरिका के विरुद्ध सद्दाम हुसैन के कड़े रु$ख का समर्थक था। परंतु निश्चित रूप से यह सुन्नी जगत सऊदी अरब व अरब देशों के अन्य अमेरिकी कठपुतली नुमा शासकों के विरुद्ध है। परंतु अपनी तानाशाही को बचाने के लिए तथा आम लोगों के विद्रोह से स्वयं को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से अमेरिका की खुशामदपरस्ती करना अरब शासकों व तानाशाहों की मजबूरी बन चुकी है। दूसरी ओर अमेरिका भी पूरे विश्व में स्वयं को लोकतंत्र का कितना बड़ा हिमायती क्यों न बताता हो परंतु अरब देशों में उसी अमेरिका को न तो राजशाही नज़र आती है न ही तानाशाही?

इसमें कोई शक नहीं कि आज अगर पूरा मुस्लिम जगत संगठित होता तथा इनमें विश्वास का वातावरण होता तो फिलिस्तीन कब का स्वतंत्र हो चुका होता और इज़राईल की क्रूरता का समय-समय पर शिकार न हो रहा होता। इराक,सीरिया व अफगानिस्तान भी इस प्रकार से बरबाद न हुए होते। परंतु एक बड़ी अमेरिकी चाल का शिकार होते हुए मुस्लिम देश कहीं एक-दूसरे देश से टकराते गए तो कहीं जातीय संघर्ष में अपने ही देश को तबाह कर डाला। और इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए अब अमेरिका ने यमन के बहाने अरब व ईरान को आमने-सामने खड़ा कर पूरे विश्व को शिया-सुन्नी संघर्ष की आग में झोंकने का प्रयास किया है। इसे एक सफल अमेरिकी रणनीति का परिणाम तो ज़रूर कहा जा सकता है परंतु देखना यह होगा कि मुस्लिम जगत अमेरिका की इस चाल का शिकार किस हद तक हो पाता है और किस हद तक वह स्वयं को इस अमेरिकी साजि़श से सुरक्षित रख पाता है?

:-तनवीर जाफरी

tanvirतनवीर जाफरी 
1618, महावीर नगर, 
मो: 098962-19228 
अम्बाला शहर। हरियाणा

Related Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...

सीएम शिंदे को लिखा पत्र, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर कहा – अंधविश्वास फैलाने वाले व्यक्ति का राज्य में कोई स्थान नहीं

बागेश्वर धाम के कथावाचक पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का महाराष्ट्र में दो दिवसीय कथा वाचन कार्यक्रम आयोजित होना है, लेकिन इसके पहले ही उनके...

IND vs SL Live Streaming: भारत-श्रीलंका के बीच तीसरा टी20 आज

IND vs SL Live Streaming भारत और श्रीलंका के बीच आज तीन टी20 इंटरनेशनल मैचों की सीरीज का तीसरा व अंतिम मुकाबला खेला जाएगा।...

पिनाराई विजयन सरकार पर फूटा त्रिशूर कैथोलिक चर्च का गुस्सा, कहा- “नए केरल का सपना सिर्फ सपना रह जाएगा”

केरल के कैथोलिक चर्च त्रिशूर सूबा ने केरल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि उनके फैसले जनता के लिए सिर्फ मुश्कीलें खड़ी...

अभद्र टिप्पणी पर सिद्धारमैया की सफाई, कहा- ‘मेरा इरादा CM बोम्मई का अपमान करना नहीं था’

Karnataka News कर्नाटक में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि सीएम मुझे तगारू (भेड़) और हुली (बाघ की तरह) कहते हैं...

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Stay Connected

5,577FansLike
13,774,980FollowersFollow
136,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...