रायपुर : शिक्षाकर्मियों के आंदोलन को कुचलने का लगातार प्रयास जारी है। अब तक राज्य सरकार ने 25000 से अधिक शिक्षाकर्मियों को प्रदेशभर के अलग-अलग स्थानों में गिरफ्तार किया है। रायपुर में शनिवार सुबह नगरी निकाय शिक्षक पंचायत मोर्चा के प्रांतीय संचालक वीरेंद्र दुबे को भी गिरफ्तार कर लिया गया। देर रात शिक्षाकर्मी आंदोलन का नेतृत्व कर रहे कुछ बड़े नेता गिरफ्तार हो चुके हैं, तो कुछ की तलाश चल रही है।
देर रात केदार जैन की गिरफ्तारी के बाद सुबह करीब साढ़े नौ बजे एक और बड़े शिक्षाकर्मी नेता वीरेंद्र दुबे को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। वीरेंद्र दुबे को गिरफ्तार कर ले जाने से पहले उन्होंने कहा कि सरकार जितनी सख्ती से हमारे आंदोलन को दबाने की कोशिश की जा रही है, उतनी तन्मयता से अगर वो हमारी बातों को सुनती और बातचीत करने को आगे आती, तो हमें आंदोलन की जरूरत ही नहीं होती।
02 दिसम्बर को राजधानी में प्रस्तावित राज्य स्तरीय आंदोलन के लिए एकजुट हो रहे शिक्षाकर्मियों को रोकने सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। मिली जानकारी के अनुसार कांकेर जिले में शिक्षाकर्मियों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं माकड़ी में भी सैकड़ों शिक्षाकर्मियों को पुलिस ने रोक दिया है। गिरफ्तारी के बाद शिक्षाकर्मियों में आक्रोश बढ़ गया है। कांकेर में आंदोलन कर रहे शिक्षाकर्मियों ने थाने के बाद सरकार विरोधी नारेबाजी की।
शिक्षाकर्मियों को रायपुर जाने से रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन हरसंभव प्रयास कर रहा है। रेलवे स्टेशन पर भी भारी तादाद में पुलिस बल तैनात किया गया है। आईडी प्रुफ और मोबाइल चेक करने के बाद ही रेलवे स्टेशन पर एंट्री दी जा रही है। इसके अलावा हाईवे पर भी चेकिंग की जा रही है। इससे सामान्य यात्री भी परेशान हो रहे हैं।
इसके अलावा शिक्षाकर्मियों ने आरोप लगाया कि लखनपुर सरगुजा, मनोरा जशपुर, कोंडागांव, भानुप्रतापपुर, तमनार, धरमजयगढ़ रायगढ़ आदि जगहों पर शिक्षाकर्मियों के वाहन को गलत तरीके से रोका गया है।
यह प्रजातांत्रिक अधिकार के विपरीत दमनकारी कार्रवाई है, जिसका छत्तीसगढ़ शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय शिक्षक मोर्चा कड़ी निंदा करता है। प्रशासन का कहना है कि शिक्षाकर्मियों को ओवरलोड करके न लाया जाए। इसकी चेकिंग की जा रही है। किसी को रोका नहीं जा रहा है।
सरगुजा के शिक्षाकर्मियों को राजधानी पहुंचने से पहले रोकने के लिए प्रशासन व पुलिस ने पूरी ताकत झोंक दी। सूरजपुर व बलरामपुर जिले में शिक्षाकर्मियों को रोकने प्रशासन एवं पुलिस की टीम लगी रही। दूसरी ओर शिक्षाकर्मी अलग-अलग रूटों से रायपुर जाकर महारैली में शामिल होने की जुगत में लगे रहे।
बिलासपुर मार्ग, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन पर जगह-जगह पुलिस व प्रशासनिक टीम को लगाकर शिक्षाकर्मियों को रोकने का प्रयास किया जाता रहा। शिक्षाकर्मियों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए विभागीय अधिकारियों व शिक्षकों की भी ड्यूटी लगाई गई थी। शाम से ही प्रशासन का यह अभियान शुरू हो गया था।
इधर पंचायत मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि संविलियन छोड़ सभी मांगों पर सरकार चर्चा को तैयार है। मंत्री ने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता स्कूलों में पढ़ाई हो, इसके लिए सरकार सब कुछ करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी भी होगी और चर्चा भी होगी। समान काम समान वेतन के मसौदे को चंद्राकर ने नकार हुए कहा कि हमें उस मसौदे पर भरोसा ही नही है।