बाड़मेर : उत्तरलाई रोड़ स्थित शिल्प ग्राम बाड़मेर जिले की कला एवं सांस्कृतिक गतिविधियां के साथ हस्तशिल्प कला का केन्द्र बनेगा। इसमें सालाना थार महोत्सव के साथ शुरूआती दौर में साप्ताहिक हाट बाजार की शुरूआत होगी। इसको विभिन्न चरणां में पश्चिमी राजस्थान के हैडीक्राफ्टस एवं सांस्कृतिक गतिविधियां के मुख्य केन्द्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इसको लेकर जिला कलक्टर सुधीर शर्मा, यूआईटी चैयरमैन डा.प्रियंका चौधरी, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एम.एल.नेहरा एवं विभिन्न कंपनियां तथा स्वयंसेवी संस्थाआें के प्रतिनिधियां की मंगलवार को कलेक्ट्रेट परिसर में बैठक आयोजित हुई।
इस अवसर पर जिला कलक्टर सुधीर शर्मा ने कहा कि स्थानीय कला एवं संस्कृति को प्रोत्साहित करते के लिए शिल्प ग्राम को विकसित किया जाना है। सभी संस्थाआें के प्रतिनिधि, अधिकारी एवं जन प्रतिनिधि इसको अधिकाधिक रूप से बेहतर देने के लिए अपने सुझाव दें। उन्हांने कहा कि शिल्पग्राम का मुख्य उददेश्य स्थानीय हस्तशिल्प को विकसित करने के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान स्थापित करवाना है। जिला कलक्टर शर्मा ने कहा कि शिल्प ग्राम में अधिकाधिक स्थानीय लोगां एवं पर्यटकां को आकर्षित करने के लिए विभिन्न प्रकार की गतिविधियां को नियमित तौर पर संचालन किया जाएगा। उन्हांने इस दौरान सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियां को हस्त शिल्प में उगी बबूल की झाड़ियां कटवाकर पूर्व में निर्मित भवन की मरम्मत करवाने के निर्देश दिए। यूआईटी चैयरमैन डा.प्रियंका चौधरी ने कहा कि शिल्प ग्राम में आमजन को आकर्षित करने वाली गतिविधियां संचालित की जाए। उन्हांने बच्चां के मनोरंजन के लिए पार्क एवं झूले तथा महिलाआें से संबंधित कपड़े के बाजार की दुकानें लगवाने का भी सुझाव दिया।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एम.एल.नेहरा ने कहा कि हस्त शिल्प बाड़मेर की कला एवं संस्कृति को एक नई पहचान देने का कार्य करेगा। उन्हांने बताया कि सीमांत क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत इसकी मरम्मत करवाकर जल्दी इसमें विभिन्न गतिविधियां प्रारंभ होगी। राजवेस्ट के प्रतिनिधि विनोद विटठल ने कहा कि स्थानीय कला एवं संस्कृति को बढावा देने की दिशा में कार्य किया जाए। उन्हांने ज्यादा से ज्यादा लोगां को आकर्षित करने के लिए मनोरंजन के लिए प्रति दिन फिल्म प्रदर्शन तथा सेना, सीमा सुरक्षा बल, राजस्थान पुलिस एवं वायुसेना के सहयोग से वार म्यूजियम बनाने का सुझाव दिया।
ग्रामीण विकास एवं चेतना संस्थान के सचिव विक्रमसिंह ने शिल्प ग्राम में हस्तशिल्प को पहचान दिलाने के लिए क्राफ्ट बाजार, डिजाइन स्टूडियो, फोक स्टूडियो, साप्ताहिक हाट बाजार, रा मेटेरियल बैंक, आन लाइन स्टोर, मार्केटिंग सहायता केन्द्र, कार्यशाला स्थल, योग केन्द्र, स्वीमिंग पुल बनवाने के साथ फोक फेस्टिवल का आयोजन करवाने के सुझाव दिए। इस पर जिला कलक्टर शर्मा ने शुरूआती दौर में साप्ताहिक हाट बाजार शुरू करवाने के निर्देश दिए। केयर्न इंडिया के डा.यू.बी.द्विवेदी ने युवा पीढ़ी को आकर्षित करने के लिए उनकी जरूरत की मुताबिक आधारभूत सुविधाएं विकसित करने की बात कही। उन्हांने कहा कि इसके लिए कार्य योजना तैयार कर उसके अनुरूप संसाधन जुटाने का जरिया एवं अन्य सारे पहलूआें पर विचार-विमर्श किया जाए। श्योर संस्थान की लता कच्छवाह ने कहा कि शिल्प ग्राम में स्थानीय कला एवं क्राफ्ट विशेष प्राथमिकता दी जाए। शिल्प ग्राम में इस तरह की व्यवस्था की जाए कि यह स्थानीय हस्तशिल्प कला के प्लेटफार्म का कार्य कर सके। धारा संस्थान के महेश पनपालिया ने हस्त शिल्प को अलग पहचान दिलाने की दिशा में कार्य किया जाए। उन्हांने इसके लिए विशेषज्ञां की सेवाएं लेने का सुझाव भी दिया।
इस दौरान आयुक्त श्रवण कुमार विश्नोई, बाड़मेर पंचायत समिति के विकास अधिकारी नवलाराम चौधरी, महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक सती चौधरी, सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता सूराराम चौधरी, केयर्न इंडिया के डा.यू.बी.द्विवेदी, राजवेस्ट के विनोद विटठल, श्योर संस्थान की लता कच्छवाह, धारा संस्थान के महेश पनपालिया, ग्रामीण विकास एवं चेतना संस्थान के सचिव विक्रमसिंह एवं अध्यक्ष श्रीमती रूमा देवी समेत विभिन्न संस्थाआें के प्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक के उपरांत जिला कलक्टर सुधीर शर्मा, यूआईटी चैयरमैन डा.प्रियंका चौधरी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी एम.एल.नेहरा के साथ अधिकारियां एवं विभिन्न संगठनां के प्रतिनिधियां ने हस्त शिल्प केन्द्र का अवलोकन किया। जिला कलक्टर सुधीर शर्मा ने बाड़मेर पंचायत समिति के विकास अधिकारी नवलाराम चौधरी को मनरेगा में पौधारोपण करवाने एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियां को झाड़ियां की कटाई करवाकर इंटरलाकिंग, चारदीवारी एवं भवन की मरम्मत करवाने के निर्देश दिए।