मुंबई : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंगोलिया को एक अरब डॉलर का ऋण सहायता स्वरूप दिए जाने की घोषणा के बाद शिवसेना ने बुधवार को कहा कि मंगोलिया, महाराष्ट्र से ज्यादा भाग्यशाली है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में कहा, “मोदी ने नितांत उदारता का परिचय देते हुए मंगोलिया को आधारभूत संरचना के लिए वित्तीय सहायता देने की घोषणा की। एक अरब डॉलर यद्यपि कोई छोटी रकम नहीं है और भारतीय मुद्रा में देखें तो महाराष्ट्र के आत्महत्या कर चुके हर एक किसान की आत्मा तक हिल जाएगी।
शिवसेना ने कहा, “महाराष्ट्र के किसान लगातार बैंकों और महाजनों के कर्ज के बोझ से दबते जा रहे हैं और प्रकृति की मार से बेहाल सरकार से सहायता की आस लगाए बैठे हैं। कर्ज के बोझ से दबे और मौसम की मार से बेहाल किसानों की मदद की गुहार पर केंद्रीय कृषि मंत्री स्पष्ट रूप से कह रहे हैं कि आत्महत्या करने वाले किसानों की सहायता के लिए सरकार के पास कोई योजना नहीं है।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र में कहा, “महाराष्ट्र की तुलना में तो मंगोलिया के लोग ज्यादा भाग्यशाली हैं..प्रधानमंत्री ने उन्हें एक अरब डॉलर की सहायता देने की घोषणा की है और भारत की वित्तीय स्थिति का खुलासा किया है। मोदी द्वारा पहले भी छोटे विकासशील देशों को सहायता दिए जाने की बात ध्यान दिलाते हुए शिवसेना ने कहा, “गरीब और जरूरतमंद पड़ोसी राष्ट्रों को वित्तीय मदद देना गलत नहीं है, लेकिन मंगोलिया को रुपये देने का क्या औचित्य? डॉलर दिन ब दिन भारतीय मुद्रा पर भारी पड़ रहा है और हम विश्व बैंक के कर्जे में डूबे हैं।
शिवसेना ने कहा कि मंगोलिया तो हमारा दूर का पड़ोसी है और भारत के साथ 60 सालों से कूटनीति संबंध हैं, हालांकि यहां लोकतंत्र 25 साल पहले ही आया है। सामना के संपादकीय में प्रकाशित लेख में शिवसेना ने कहा कि प्रधानमंत्री को ऐसी ही उदारता महाराष्ट्र के किसानों और रत्नागिरी के जैतापुर परमाणु संयंत्र परियोजना के प्रभावितों के लिए दिखाने की जरूरत है। लेख में कहा गया, “हम केंद्र और राज्य सरकार से किसानों की आत्महत्या और दूसरे जरूरी मुद्दों का जल्द से जल्द समाधान ढूंढने का आग्रह करते हैं।