मुंबई– ठाणे की कोर्ट ने 2005 में दंगे और हत्या के प्रयास के आरोप से 22 शिवसैनिकों को बरी कर दिया है। इनमें राज्य सरकार में मंत्री एकनाथ शिंदे और ठाणे के मेयर संजय मोरे भी शामिल हैं।
2005 में शिवसेना के नेता और पार्षद रविंद्र पाठक ने वरिष्ठ नेता नारायण राणे के साथ पार्टी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था। इस पर आरोपियों ने कथित रूप से वागले एस्टेट स्थित शिवसेना के क्षेत्रीय कार्यालय पर हमला किया था। इस संबंध में पाठक ने शिंदे समेत शिवसेना कार्यकर्ताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। तब से उन पर यह मामला चल रहा था।
हालांकि तीन साल पहले पाठक शिवसेना में लौट आए और दोबारा इसके पार्षद चुने गए। परिणाम स्वरुप उन्होंने आरोपियों के खिलाफ अपनी शिकायत वापस ले ली। आरोपियों के वकील राजन सालुंके ने बुधवार को आग्रह किया कि जब शिकायतकर्ता ने खुद ही कहा कि उनके खिलाफ कोई शिकायत नहीं है। उन्हें बरी कर दिया जाना चाहिए। इस पर अतिरिक्त सत्र जज एचएम पटवर्धन ने सभी आरोपियों को सभी आरोपों से बरी कर दिया !
मुंबई- महाराष्ट्र सरकार में मंत्री एकनाथ शिंदे और ठाणे के मेयर संजय मोरे समेत 22 शिवसैनिक दंगे और हत्या प्रयास के मामले में बुधवार को कोर्ट से बरी हो गए।