बालाकोट में एयर स्ट्राइक पर विपक्ष के सवालों के बीच बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने मोर्चा खोल दिया है।
उन्होंने मंगलवार को पूछा कि भारतीय नागरिकों को जैश-ए-मोहम्मद के शिविर पर हुए हवाई हमले में मारे गए आतंकियों के बारे में जानने का अधिकार है। इस तरह की सूचना देने से सुरक्षा बलों का मनोबल कम नहीं होगा।
शिवसेना ने अपनी सहयोगी पार्टी भाजपा पर तंज कसते हुए अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में लिखा कि हवाई हमले पर चर्चा आगामी लोकसभा चुनावों तक चलती रहेगी।
वहीं, 14 फरवरी के पुलवामा हमले से पहले विपक्ष द्वारा उठाए गए ‘ज्वलंत मुद्दे’ अब ठंडे बस्ते में चले गए हैं।
शिवसेना के सवाल
शिवसेना ने पूछा- पुलवामा हमले में इस्तेमाल किया गया 300 किलोग्राम आरडीएक्स आया कहां से? आतंकवादी शिविरों पर किए गए हवाई हमलों में कितने आतंकवादी मारे गए?
इन पर चर्चा चुनाव के अंतिम दिनों तक होती रहेगी, क्योंकि पुलवामा हमले से पहले महंगाई, बेरोजगारी व राफेल विमान सौदा विपक्ष के लिए ज्वलंत मुद्दे थे। वहीं, शिवसेना ने तंज कसते हुए कहा कि इन मुद्दों पर मोदी सरकार का ‘बम’ गिर गया।
26 फरवरी को हुई थी एयर स्ट्राइक
बता दें कि भारतीय वायु सेना के विमानों ने 26 फरवरी को पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर बम गिराए थे। यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पुलावामा जिले में आतंकवादी संगठन द्वारा किए गए हमले के जवाब में हुई थी। पुलवामा हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे।
हालांकि, केंद्र सरकार ने एयर स्ट्राइक में मारे गए आतंकियों का आधिकारिक आंकड़ा अब तक नहीं दिया है। वहीं, कुछ विपक्ष पार्टियां लगातार इसके सबूत मांग रही हैं।
मुद्दे खाक हो गए
उद्धव ठाकरे की पार्टी ने कहा कि राम मंदिर निर्माण, अनुच्छेद 370 एवं किसानों द्वारा उठाए गए मुद्दे ‘खाक हो गए’।
शिवसेना ने कहा कि भारतीय वायु सेना के 26 फरवरी के हवाई हमलों में मारे गए आतंकवादियों की संख्या के बारे में न सिर्फ विपक्ष पूछ रहा है, बल्कि अमेरिका व ब्रिटेन जैसे देशों की मीडिया भी पूछ रही है।