मुंबई- 500 और 1000 के नोटों पर पाबंदी के मुद्दे पर शिवसेना ने यू-टर्न ले लिया है। शिवसेना ने अब इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी का साथ देने का फैसला लिया है। शिवसेना के सांसदों ने पीएम मोदी को खत लिखकर उनके फैसले को साहसिक बताया है। साथ ही शिवसेना ने साथ किया है कि वो नोटबंदी के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ विपक्ष के मोर्चे और मार्च में हिस्सा नहीं लेगी।
इससे पहले आज केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। शिवसेना प्रमुख के मीडिया सलाहकार हर्षल प्रधान के मुताबिक गडकरी ने अपनी बेटी की शादी का निमंत्रण देने के लिए उद्धव ठाकरे से मुलाकात की।
यह मुलाकात इसलिए भी अहम मानी जा रही है कि इस मुलाकात के बाद ही नोटबंदी के मुद्दे पर शिवसेना रूख में बदलाव हुआ है। हालांकि नोटबंदी के मुद्दे पर शिवसेना के कड़े रूख के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं और उद्धव ठाकरे के बीच कई बार टेलिफोन पर बातचीत हो चुकी है। गडकरी और ठाकरे की मुलाकात से पहले केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अरुण जेटली और वेंकैया नायडू ने भी उद्धव ठाकरे को फोन किया था और नोटबंदी के मामले पर उनकी शंकाओं को दूर करने की कोशिश की थी।
शिवसेना, बीजेपा की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टियों में से एक है। केंद्र के साथ ही महाराष्ट्र में भी दोनों पार्टियों ने मिलकर सरकार बना रखी है। बावजूद इसके शिवसेना, नोटबंदी के खिलाफ टीएमसी और आम आदमी पार्टी की ओर से आयोजित राष्ट्रपति भवन मार्च में शामिल हुई थी।