महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस और शिवसैनिकों के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है।
मंगलवार को अमृता ने एक वीडियो ट्वीट कर शिवसेना पर निशाना साधा है। इसमें कुछ शिवसेना के कार्यकर्ता अमृता की तस्वीर पर जूते और चप्पल मारते हुए नजर आ रहे हैं।
वीडियो के साथ अमृता फडणवीस ने लिखा, ‘दिखाओ चप्पल, फेकों पत्थर, ये तो पुराना शौक है आपका, हम तो वो शक्स हैं कि धूप में भी निखर आएंगे।’
दरअसल, इसकी शुरुआत अमृता फडणवीस के एक ट्वीट से हुई। आठ दिन पहले अमृता अपने पति द्वारा किए गए एक ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा था।
देवेंद्र फडणवीस ने अपने ट्वीट में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की उनके उस बयान के लिए आलोचना की थी जिसमें उन्होंने कहा था कि- मेरा नाम राहुल सावरकर नहीं है।
फडणवीस ने कहा था कि राहुल गांधी, हिंदुत्व विचारक वीर सावरकर की परछाई तक नहीं छू सकते हैं। पति की टिप्पणी के बाद अमृता फडणवीस ने रविवार को शिवसेना अध्यक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अपने नाम के पीछे सिर्फ ठाकरे लगा लेने से कोई ‘ठाकरे’ नहीं हो सकता। इसके लिए अपने परिवार और सत्ता की ललक से ऊपर उठकर लोगों और पार्टी के सदस्यों की बेहतरी के लिए सच्चा, सैद्धांतिक और ईमानदार होने की जरूरत होती है!’
इस पर पलटवार करते हुए प्रियंका चतुर्वेदी ने सोमवार को कहा कि ठाकरे अपने नाम पर खरा उतर रहे हैं, लेकिन अमृता फडणवीस को यह बात समझ नहीं आयी।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘हां, वह अपने नाम पर खरा उतर रहे हैं लेकिन हमेशा की तरह आपने यह खबर नहीं देखी- उन्होंने वादे पूरे किए हैं। अपने लोगों के कल्याण के लिए काम करने, किसानों का कर्ज माफ करने, 10 रुपए में भोजन जैसे अपने वादों को पूरा करने के लिए हर क्षेत्र में मुख्यमंत्री कार्यालय काम कर रहा है।’
प्रियंका चतुर्वेदी ने अमृता फडणवीस पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘यह सब कुछ सरकार गठन के एक महीने के अंदर। शुक्र है, अपनी ही तारीफ में गाने नहीं गा रहे।’
गौरतलब है कि अमृता एक प्रशिक्षित शास्त्रीय गायिका हैं और विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रस्तुति दे चुकी हैं।
अमृता फडणवीस पर निशाना साधते हुए शिवसेना पार्षद अमय गोखले ने उनकी तुलना आनंदीबाई से कर दी जो अपनी जेठानी के बेटे 17 वर्षीय पेशवा नारायणराव की हत्या की साजिश के लिए महाराष्ट्र के इतिहास में कुख्यात है। उनका पति रघुनाथराव, नारायणराव की मौत के बाद गद्दी के वारिस की दौड़ में था।