मुंबई – तंबाकू उत्पादों के समर्थन में सांसद दिलीप गांधी के बयान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए शिवसेना कहा कि उन्होंने सड़कों की गंदगी साफ करने के लिए हाथ में झाड़ू ले लिया है, लेकिन लोगों के मुंहों से निकलने वाली गंदगी को कौन साफ करेगा। शिवसेना ने सांसद द्वारा तंबाकू खाए जाने का समर्थन करने का भी मजाक उड़ाया और कहा कि तंबाकू खाने से कैंसर नहीं होने संबंधी उनकी ‘आश्चर्यजनक खोज’ के लिए उन्हें ‘नोबेल पुरस्कार’ से नवाजा जाना चाहिए।
महाराष्ट्र में बीजेपी की सहयोगी पार्टी ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के एक संपादकीय में कहा है, ‘तंबाकू सेवन से कैंसर नहीं होने संबंधी आश्चर्यजनक खोज करने के लिए दिलीप गांधी को एक डॉक्टर की जरूरत नहीं है। उन्हें नोबेल पुरस्कार दिए जाने की जरूरत है। सांसद खोज के नए रास्ते पर चले गए हैं और इससे तंबाकू विरोधी सभी लोग दंग रह गए हैं।’ इसमें कहा गया है, ‘उनसे यह नहीं पूछा जाना चाहिए कि उन्होंने यह खोज कब की और उनके तथ्यों के पीछे क्या वैज्ञानिक आधार है। इस आदमी (गांधी) ने गुटखा का इस तरह वर्णन करके तंबाकू लॉबी की अपार सेवा की है। हो सकता है कि इसी वजह से पान संगठनों ने इसका स्वागत किया है।’
पार्टी ने कहा कि तंबाकू उद्योग गांधी की इन टिप्पणियों का समर्थन कर सकता है, लेकिन तंबाकू की लत के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवार वाले उन्हें श्राप देंगे। शिवसेना ने गांधी के बयान को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि एक ओर प्रधानमंत्री ने तंबाकू-रोधी अभियान शुरू किया है, जबकि दूसरी ओर उनकी पार्टी के सांसद लोगों के बीच ‘बिंदास हो तंबाकू खाओ, कैंसर की फिक्र भगाओ’ का प्रचार कर रहे हैं। पार्टी ने कहा कि मोदी ने पूरे देश की स्वच्छता का बीड़ा उठाया है, लेकिन उन्हें पहले उन लोगों पर नकेल कसनी चाहिए जो तंबाकू चबाकर सार्वजनिक जगहों पर यहां-वहां थूकते फिरते हैं।