आगरा : 29 अक्टूबर की सुबह आगरा के सेवला सराय में रविंद्र नाथ वर्मा ने पुलिस को सूचना दी कि तड़के सुबह 4.30 बजे किचन से गैस की बदबू आने की वजह से वे जगे। जब वे किचन में गए तो वहां खून की बूंदें थीं। जब वे पहली मंजिल पर गए तो वहां बेटी की लाश पड़ी थी। रविंद्रनाथ ने पुलिस को बताया कि उनकी बेटी शिवानी ने खुदकुशी कर ली है।
एसपी सिटी कुंवर अनुपम सिंह पुलिस के साथ मौके पर पहुंच गए। पुलिस जब मौका ए वारदात पर पहुंची तो शिवानी की लाश खून से लथपथ घर की पहली मंजिल के जीने पर पड़ी थी। शिवानी पर हमला करके गला रेता गया था। पुलिस ने पूरे घर की तलाशी ली तो खून के छींटे ऊपर सीढ़ियों से लेकर पहली मंजिल के कमरे से लेकर छत तक गए थे। घर के बगल में बेकरी की छत पर भी खून के कतरे थे। किचन में गैस पाइप काटा गया था जिससे लग रहा था कि आग लगाने की कोशिश की गई थी।
थाने में पुलिस के कहने पर पिता ने अज्ञात के खिलाफ हत्या की तहरीर दी। दरवाजे बंद होने पर रात में घर में आने-जाने का कोई रास्ता नहीं था इसलिए पुलिस को शक हो रहा था कि हत्या में घर के ही लोगों का हाथ लेकिन कोई पुख्ता सबूत नहीं था। पुलिस ने फिर मौका ए वारदात की जांच की तो शिवानी की लाश जहां मिली थी वहीं खून से गौरव लिखा मिला।
पुलिस को पता चला कि गौरव शिवानी का प्रेमी था। दोनों कुछ महीने पहले फरार हुए थे लेकिन पुलिस की मदद से दोनों की बरामदगी हो गई थी। उस मामले में शिवानी ने गौरव के पक्ष में थाने में बयान दिया था जिसकी वजह से पुलिस ने यह केस बंद कर दिया था।
शिवानी के कॉल डिटेल और गौरव के फोन लोकेशन से इस बात की पुष्टि हो गई कि हत्या की रात गौरव शिवानी के घर में ही था। जैसे ही पुलिस गौरव तक पहुंची, घर के अंदर रात में हुए इस जघन्य हत्याकांड का खुलासा हुआ तो जो कहानी सामने आई उसने सबको सन्न कर दिया।
वारदात की कहानी
गौरव के मुताबिक, शिवानी के साथ उसके प्रेम संबंध थे। 28 अक्टूबर की शाम को जब शिवानी के परिजन बाहर थे तो लगभग सात बजे उसने कॉल करके गौरव को घर के अंदर दाखिल कर लिया था और ऊपर वाली मंजिल पर छिपा दिया था। लगभग रात के 11 बजे जब सब सो गए तब शिवानी ऊपरी मंजिल के कमरे में गौरव से मिली जो तब तक घर में ही छिपा बैठा था। दोनों रात में लगभग 3.30 बजे तक साथ रहे।शिवानी की योजना थी कि सुबह जब पिता मॉर्निंग वॉक के लिए निकलेंगे तो वह मौका देखकर गौरव को घर से निकलने को कहेगी। लगभग 3.30 बजे जब शिवानी ग्राउंड फ्लोर पर अपने कमरे में लौट रही थी तो गौरव ने पानी मांगा। शिवानी पानी लेने नीचे किचन में आई और जब ऊपर जा रही थी तो पिता ने देख लिया। पेपर कटर लेकर पिता पीछे-पीछे गए तो कमरे में गौरव को देखकर उस पर टूट पड़े लेकिन शिवानी ने पिता को पकड़ लिया। पेपर कटर जाकर शिवानी के गर्दन में धंस गया लेकिन उसने पिता को पकड़े रखा और गौरव को भागने को कहा। गौरव मौके से फरार हो गया और इधर पिता ने शिवानी की हत्या कर दी।
किचन का गैस पाइप क्यों काटा गया था
क्राइम सीन पर किचन का गैस पाइप भी कटा मिला था। पुलिस का कहना है कि शायद शिवानी की लाश को जलाने की योजना थी ताकि मामला हादसे का लगे लेकिन आग फैलने के डर की वजह से शायद इसे अंजाम नहीं दिया गया। गौरव के बयान के आधार पर पुलिस ने पिता रविंद्रनाथ वर्मा को हत्यारोपी बनाया और उनके खिलाफ केस दर्ज कर जेल भेज दिया। इसके बाद इस हत्याकांड में अगला मोड़ तब आया जब रविंद्रनाथ के परिजन कहने लगे कि गौरव ने ही हत्या की है और उसने झूठी कहानी गढ़कर शिवानी के पिता को फंसाया है। इसको लेकर परिजनों ने थाने में हंगामा भी किया और पुलिस से हाथापाई भी हुई।
पुलिस ने गौरव के बयान और मौका ए वारदात पर मिले साक्ष्यों के आधार पर पिता रवींद्रनाथ को हत्यारोपी बनाया है। पुलिस का कहना है कि रविंद्रनाथ के कपड़े खून से सने थे लेकिन रविंद्रनाथ ने कहा कि जब वो खून से लथपथ बेटी के पास गया था तभी उनके कपड़ों में खून लग गए थे। इस पूरे मामले की अभी जांच चल रही है और अभी भी इसका जवाब मिलना बाकी है कि हत्यारा पिता है या प्रेमी?