हम अक्सर सुनते हैं..कि एक आदमी अर्थी पर से उठ गया, जिंदा हो गया…ये सभी बातें सुनने में अजीब लगती है ना..लेकिन भारत में एक ऐसी जगह है,जहां मुर्दे भी उठकर बोलने लगते हैं।
जी हां, देश में एक चमत्कारिक और रहस्यमयी मंदिर है जहां किसी व्यक्ति के शव को लेकर जाया जाए तो उसकी आत्मा उस शव में पुन: प्रवेश कर जाती है और वह इंसान जीवित हो उठता है। जी हां, यह चमत्कार होता है, महादेव के मंदिर में जोकि देहरादून से 128 किलोमीटर की दूरी पर स्थित लाखामंडल नामक स्थान पर है।
प्रकृति की वादियों में बसा यह गांव देहरादून से 128 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यमुना नदी की तट पर है। दिल को लुभाने वाली यह जगह गुफाओं और भगवान शिव के मंदिर के प्राचीन अवशेषों से घिरा हुआ है।
माना जाता है कि इस मंदिर में प्रार्थना करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिल जाती है। यहां पर खुदाई करते वक्त विभिन्न आकार के और विभिन्न ऐतिहासिक काल के शिवलिंग मिले हैं।
महामंडलेश्वर शिवलिंग
पौराणिक कथायों के मुताबिक, महाभारत काल में पांडवों को जीवित आग में भस्म करने के लिए उनके चचेरे भाई कौरवों ने यहीं लाक्षागृह का निर्माण करवाया था।
ऐसी मान्यता है कि अज्ञातवास के दौरान इस स्थान पर स्वयं युधिष्ठिर ने शिवलिंग को स्थापित किया था। इस शिवलिंग को आज भी महामंडेश्वर नाम से जाना जाता है।
अज्ञात वास के दौरान युधिष्ठिर ने शिवलिंग स्थापित किया था वहां एक बहुत खूबसूरत मंदिर बनाया गया था। शिवलिंग के ठीक सामने दो द्वारपाल पश्चिम की तरफ मुंह करके खड़े हुए दिखते हैं।
ऐसी मान्यता है कि अगर किसी शव को इन द्वारपालों के सामने रखकर मंदिर के पुजारी उस पर पवित्र जल छिड़कें तो वह मृत व्यक्ति कुछ समय के लिए पुन: जीवित हो उठता है।
जीवित होने के बाद वह भगवान का नाम लेता है और उसे गंगाजल प्रदान किया जाता है। गंगाजल ग्रहण करते ही उसकी आत्मा फिर से शरीर त्यागकर चली जाती है।
इस मंदिर के पीछे दो द्वारपाल स्थित हैं, जिनमें से एक का हाथ कटा हुआ है। अब ऐसा क्यों हैं यह बात आज तक एक रहस्य ही बना हुआ है।
लाखामंडल में बने इस शिवलिंग की एक अन्य खासियत यह है कि जब भी कोई व्यक्ति इस शिवलिंग का जलाभिषेक करता है तो उसे इसमें अपने चेहरे की आकृति स्पष्ट नजर आती है।
इस मंदिर में मृत व्यक्ति जीवित होता है, इस महिमा को तो सभी जानते हैं, लेकिन इस मंदिर की एक और महिमा जो कुछ लोग ही जानते हैं।
महामंडलेश्वर शिवलिंग के विषय में कहा जाता है कि जो भी स्त्री, पुत्र प्राप्ति के उद्देश्य से महाशिवरात्रि की रात मंदिर के मुख्य द्वार पर बैठकर शिवालय के दीपक को एकटक निहारते हुए शिवमंत्र का जाप करती है, उसे एक साल के भीतर पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है।
यहां आने वाला कोई भी व्यक्ति खाली हाथ नहीं लौटता, भगवान महादेव अपने दर पर आने वाले भक्तों की मनोकामना अवश्य ही पूरी करते हैं। यहां पर आकर भगवान शिव की आराधना करने से समस्त पापों का नाश होता है।
अगर आप भी आने वाले दिनों में देहरादून जाने का विचार कर रहें है..तो लाखामंडल स्थित महादेव मंदिर के दर्शन अवश्य करें।