लखनऊ – गंगा-यमुना नदियों में जल की मात्रा एवं गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए उ0प्र0 सिंचाई विभाग द्वारा इन नदियों में रबर डैम का निर्माण करने के लिए किये जा रहे प्रयासो के सम्बंध में, सिंचाई मंत्री शिवपाल यादव ने आज केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री भारत उमा भारती से मुलाकात की।
सिंचाई मंत्री ने केन्द्रीय मंत्री को बताया कि नदियों पर रबर डैम/ वाटर स्ट्रक्चर का निर्माण किये जाने से नदियों में गैर मानसून अवधि में जल पर्याप्त मात्रा में सग्रह हो सकेगा तथा इसके साथ ही भू जल-स्तर में भी वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि नदियों के जल की गुणवत्ता में सुधार आयेगा एवं रबर डैम से दो मेगावाट विद्युत उत्पन्न करने में भी सहायता मिलेगी। श्री यादव ने कहा कि इसके साथ ही नदियों के किनारे स्थित शहरों जैसे कानपुर, वृन्दावन और आगरा में जो नाले नदियों में गिर रहे है उनको नदी के किनारे-किनारे एक समानान्तर टंªक ड्रेन बनाकर उसमें डाला जायेगा, जिसका पानी रबर डैम/शहर के नीचे ले जाकर पीपीपी माॅडल पर शुद्ध कर औद्योगिक इकाइयों/सिंचाई आदि में प्रयोग किया जायेगा। उन्होंने कहा कि यह प्रयास किया जायेगा कि शहर के अन्दर स्थित तालाबों का पानी नदी में न जाने पाये।
प्रदेश के सिंचाई मंत्री शिवपाल यादव ने केन्द्रीय मंत्री को अवगत कराया कि सिंचाई विभाग उ0प्र0 के अधिकारियो का एक दल आईआईटी रूड़की के वैज्ञानिकों के साथ चीन, कोरिया आदि देशों का भ्रमण करके वहाॅ नदियों पर निर्मित रबर डैम का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर चुका है।
बैठक में सिंचाई विभाग उ0प्र0 की राष्ट्रीय परियोजना-सरयू नहर परियोजना की भी चर्चा की गयी। शिवपाल यादव ने अवगत कराया कि उक्त परियोजना का एम ओ यू के अनुसार केन्द्रीय सहायता का लगभग 1900 करोड़ अभी भी अवशेष है। उन्होंने कहा कि यह राशि यदि प्रदेश सरकार को मिल जाये तो इस परियोजना का कार्य आगामी दो वर्षो में पूर्ण कर लिया जायेगा जिसका लाभ कृषकों को मिल सकेगा। श्री यादव ने बताया कि इसके सम्बन्ध में मुख्यमंत्री उप्र द्वारा एक पत्र प्रधानमंत्री जी भारत सरकार को लिखा गया है। केन्द्रीय मंत्री जल संसाधन भारत सरकार ने परियोजना हेतु धन उपलब्ध कराने का आश्वासन उप्र के मंत्री को दिया।
रिपोर्ट :- शाश्वत तिवारी