लखनऊ- बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू और आरजेडी जैसे दलों के साथ मिलकर महागठबंधन बनाकर अलग होने वाली समाजवादी पार्टी यूपी की चुनावी बिसात पर बीजेपी की चुनौती से निपटने के लिए एक बार फिर महागठबंधन की फिराक में है। इसी सिलसिले में पार्टी अध्यक्ष शिवपाल यादव शुक्रवार को राष्ट्रीय लोक दल के नेता अजित सिंह से उनके आवास पर मिले।
मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए शिवपाल यादव ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि धर्मनिरपेक्ष ताकतें और लोहियावादी एक साथ आएं, हम बीजेपी को यूपी में घुसने नहीं दे सकते।’ शिवपाल के आमंत्रण पर प्रतिक्रिया देते हुए आरएलडी नेता अजित सिंह ने कहा कि 5 नवंबर को होने वाले समाजवादी पार्टी के रजत जयंती कार्यक्रम में हम शामिल होंगे। हालांकि अभी कोई दूसरी जानकारी नहीं आई है।
बता दें कि 5 नवंबर को समाजवादी पार्टी अपने गठन के 25 साल पूरे होने का जश्न मना रही है। लखनऊ में होने वाले रजत जयंती समारोह के बहाने मुलायम सिंह यादव ने गांधीवादी, लोहिया और चौधरी चरण सिंह के अनुयाइयों को एक मंच पर लाने की पहल की थी। इससे पहले यूपी सपा अध्यक्ष शिवपाल यादव जेडीयू नेता शरद यादव से मुलाकात कर चुके हैं।
उधर, कांग्रेस यूपी प्रभारी गुलाम नबी आजाद की बृहस्पतिवार को शरद यादव से हुई मीटिंग से नए सियासी मोर्चे के आकार लेने को बल मिला है। बताया जा रहा है कि शरद यादव के सोनिया गांधी से यूपी में महागठबंधन बनाने के लिए चर्चा करने के बाद आजाद ने कदम बढ़ाया है।
रालोद मुखिया अजित सिंह भी एक पत्र लिखकर लोहियावादियों और चरण सिंह के अनुयाइयों को एक साथ आने की अपील कर चुके हैं। बिहार के सीएम नीतीश कुमार यूपी में भाजपा के खिलाफ विरोधी दलों को साथ लाने की पुरजोर कोशिश में लगे हुए हैं। फिलहाल सपा, कांग्रेस, रालोद, जेडीयू और दूसरे छोटे दलों को साथ लाने की कवायद नए सियासी मोर्च के तौर पर मानी जा रही है।
सपा के यूपी अध्यक्ष शिवपाल यादव ने बुधवार को रजत जयंती कार्यक्रम का निमंत्रण देने के बहाने दिल्ली आकर जेडीयू नेता शरद यादव से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि इस दौरान नए सियासी मोर्चे को लेकर भी चर्चा हुई। जेडीयू के सांसद केसी त्यागी से भी शिवपाल मिले चुके हैं। बृहस्पतिवार को शिवपाल दिल्ली से सहारनपुर चले गए।
इस बीच शरद यादव ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से महागठबंधन के बारे में बात की। इसके बाद संभावनाएं तलाशने के लिए गुलाम नबी आजाद बृहस्पतिवार को शरद यादव से उनके आवास सात केडी मार्ग पर मिले। हालांकि दोनों पक्षों की तरफ से मुलाकात पर कुछ नहीं कहा गया। वैसे इन मुलाकातों के मायने गठबंधन को लेकर ही निकाले जा रहे हैं।