मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री सुरेंद्र पटवा एक और नई मुसीबत में फंस गए हैं। पहले ही पत्नी का कर्ज छुपाने के आरोपों से घिरे पटवा पर अब शैक्षणिक जानकारी में गड़बड़ करने का आरोप लगा है।
भोजपुर सीट पर उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे निर्दलीय प्रत्याशी मानसिंह रघुवंशी और रविंद्र साहू ने रिटर्निंग अधिकारी को एक शिकायत की है। इसके बाद पटवा का नामांकन खतरे में पड़ गया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक विवाद के बाद अब उनका नामांकन फिलहाल टाल दिया गया है। रिटर्निंग अधिकारी इस मामले में मंगलवार को अपना फैसला सुना सकते हैं।
एक साल में हो गए पोस्ट ग्रैजुएट!
निर्वाचन आयोग को मिली शिकायत के मुताबिक पटवा ने शपथ पत्र में बताया था कि उन्होंने महज एक साल में ही एम कॉम (पोस्ट ग्रैजुएशन) की पढ़ाई पूरी कर ली थी।
आरोप के मुताबिक, ‘2013 के चुनाव में पटवा की तरफ से दिए गए शपथ पत्र के मुताबिक उन्होंने 1984 में उन्होंने पोस्ट ग्रैजुएशन पूरा कर लिया था, जबकि इसी शपथ पत्र के मुताबिक 1983 में ही वे ग्रैजुएट हुए थे। इस हिसाब से उन्होंने एमकॉम महज एक साल में ही पूरा कर लिया।’
‘लोन के नाम पर भी झूठ’
साहू ने पटवा पर एक और आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘शपथ पत्र के एक कॉलम में मंत्री ने बताया कि उन्होंने 34 करोड़ रुपए जबकि उनकी पत्नी ने ढाई करोड़ रुपए का लोन लिया था।
वहीं दूसरे कॉलम में उनके नाम पर 14 करोड़ रुपए का लोन है, जबकि उनकी पत्नी के नाम पर कोई लोन नहीं है।’
पूर्व मुख्यमंत्री के भतीजे हैं सुरेंद्र
विरोधियों की शिकायत को लेकर आयोग ने पटवा से जवाब मांगा है। उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा के भतीजे सुरेंद्र पटवा शिवराज सिंह चौहान की सरकार में मंत्री भी हैं।
उनके खिलाफ कांग्रेस के दिग्गज नेता सुरेश पचौरी चुनाव लड़ रहे हैं। पिछले चुनाव में पचौरी को उनके खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था।