मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चुनाव से कुछ महीने पहले अपने मंत्रीमंडल में विस्तार किया है। तीन विधायकों को मंत्रीमंडल में स्थान दिया गया है। लगभग एक साल से यह कैबिनेट विस्तार लंबित था।
इस विस्तार के जरिए मुख्यमंत्री जातीय समीकरणों को साधने की कोशिश की है। हाल ही में निकाय चुनावों में भाजपा को करारी हार मिली थी। जिसकी वजह से इस विस्तार को अहम माना जा रहा है।
राजभवन में नारायण सिंह कुशवाहा, बालकृष्णा पाटीदार और जालम सिंह पटेल को कैबिनेट में जगह दी गई। नारायण सिंह को कैबिनेट मंत्री जबकि जालम और बालकृष्णा को राज्य मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि कोलारस और मुंगावली उपचुनाव के मद्देनजर जातिगत समीकरणों को साधने के लिए इन तीनों को मंत्री पद दिया गया है।
वर्तमान समय में नारायण सिंह कुशवाहा दक्षिणी ग्वालियर से, बालकृष्णा पाटीदार खरगोन से और जालम सिंह पटेल नरसिंहपुर से भाजपा के विधायक हैं। सूत्रों का कहना है कि किसी मंत्री को कैबिनेट से बाहर नहीं किया जाएगा।
कैबिनेट विस्तार के बाद शिवराज सिंह ने कहा- यह खुशी की बात है। हमने यह फेरबदल कैबिनेट को और ज्यादा संतुलित बनाने के लिए किया है जिससे कि बेहतर काम होगा और उसके बेहतर नतीजे सामने आएंगे। एक विस्तार हो चुका है जबकि दूसरा भी जल्द होगा।
मंत्रीमंडल में एक छोटा सा विस्तार और होगा
शपथ ग्रहण समारोह के बाद मीडिया से हुई बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि विस्तार एक नियमित प्रक्रिया है मगर एक छोटा सा विस्तार अभी और किया जाएगा। इससे यह साफ संकेत मिल गया है कि चुनाव से पहले एक बार फिर मंत्रीमंडल में नए मंत्रियों को शामिल किया जा सकता है।