उन्होंने कहा, ‘सब ने खुलकर देश के सामने अपनी बात रखी है। अब कमलनाथ जी, भैया इधर उधर की बात मत कीजिए, जल्दी फ्लोर टेस्ट करवाएं। दूध का दूध और पानी का पानी साफ-साफ हो जाएगा। अगर बहुमत है तो भाग क्यों रहे हो।
मध्य प्रदेश में मचे सियासी घमासान के बीच जहां सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को नोटिस दिया है, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा ने सीएम से कहा है कि इधर-उधर की बात मत कीजिए, फ्लोर टेस्ट करवाई। दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा।
चौहान ने कहा, ‘स्थिति बिल्कुल साफ है। बड़ा शोर मचा रहे थे। अब यह सरकार बच नहीं सकती।
बेंगलुरु में मौजूद सभी विधायक साथियों ने स्पष्ट कर दिया है वह अपनी मर्जी से इस सरकार के खिलाफ हैं।’
साथ ही उन्होंने कहा, ‘सब ने खुलकर देश के सामने अपनी बात रखी है। अब कमलनाथ जी, भैया इधर उधर की बात मत कीजिए, जल्दी फ्लोर टेस्ट करवाएं। दूध का दूध और पानी का पानी साफ-साफ हो जाएगा। अगर बहुमत है तो भाग क्यों रहे हो। फ्लोर टेस्ट से डरते क्यों हो। यह टाइम खींचने की कोशिश कर रहे हैं। दबाव प्रलोभन देकर यह प्रयास कर रहे हैं कि सरकार बच जाए, लेकिन अब यह सरकार बच नहीं सकती।’
वहीं, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को राज्यपाल को खत लिखा है। मुख्यमंत्री ने खत लिखते हुए खेद जताया कि संसदीय परंपराओं का पालन नहीं करने की उनकी मंशा नहीं थी।
कमलनाथ ने राज्यपाल को लिखे खत में कहा है, ‘मैंने अपने 40 साल के लंबे राजनैतिक जीवन में हमेशा सम्मान और मर्यादा का पालन किया है। आपके पत्र दिनांक 16 मार्च 2020 को पढ़ने के बाद मैं दुखी हूं कि आपने मेरे ऊपर संसदीय मर्यादाओं का पालन न करने का आरोप लगाया है। मेरी ऐसी कोई मंशा नहीं थी, फिर भी यदि आपको ऐसा लगा है तो, मैं खेद व्यक्त करता हूं।’
साथ ही उन्होंने कहा कि ‘आपने अपने पत्र में यह तो लिखा है कि, सदन की कार्यवाही दिनांक 26/03/2020 तक स्थगित हो गई परन्तु स्थगन के कारणों का संभवतः आपने उल्लेख करना उचित नहीं समझा। जैसा कि आप स्वयं जानते हैं कि, हमारा देश व पूरा विश्व कोरोना वायरस के संक्रमण से पीड़ित है और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे एक अंतररराष्ट्रीय महामारी घोषित किया है। भारत सरकार ने इस बारे में एडवाईजरी जारी की है और समारोह अथवा सार्वजनिक स्थान, भीड़ से बचने के निर्देश दिए हैं। इस कारण अध्यक्ष विधानसभा ने सदन की कार्यवाही 26 मार्च 2020 की प्रातः 11 बजे तक स्थगित की है। ‘