कोरोना वायरस के संक्रमण से कैदियों को बचाने के लिए सोमवार शिवराज सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश की जेलों में बंद 5000 कैदियों को इमरजेंसी पैरोल पर रिहा करने का फैसला किया है। कैदियों को 60 दिन के लिए रिहा किया जाएगा।
भोपाल : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना वायरस के संक्रमण से कैदियों को बचाने के लिए सोमवार एक बड़ा फैसला किया है।
उन्होंने कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए प्रदेश की जेलों में बंद 5000 कैदियों को इमरजेंसी पैरोल पर रिहा करने का फैसला किया है। कैदियों को 60 दिन के लिए रिहा किया जाएगा।
इसके लिए 2 दिन में 3000 कैदियों को बेल दी जाएगी। इन 3000 कैदियों को 45 दिनों की अवधि के लिए बेल दी जाएगी।
मध्य प्रदेश में भी कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। सोमवार को इंदौर से कोरोना वायरस से संक्रमित होने के 7 नए मामले सामने आए हैं।
उज्जैन से भी एक शख्स के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की खबर है। इसके साथ ही, सूबे में इस संक्रमण की जद में आए लोगों की संख्या बढ़कर 47 हो गई है। इनमें से दो लोगों की मौत की पहले ही पुष्टि की जा चुकी है।
शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय की डीन ज्योति बिंदल ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के नए मरीजों में इंदौर के 7 मरीज और पड़ोस के उज्जैन का एक मरीज शामिल है।
पिछले 24 घंटे में यहां कोरोना वायरस संक्रमित किसी मरीज की मौत के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि वह पूरा रिकॉर्ड जांचने के बाद ही इस बारे में कोई टिप्पणी कर सकेंगी।
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अब तक मिली रिपोर्टों के मुताबिक सूबे में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों में इंदौर के 27, जबलपुर के आठ, उज्जैन के पांच, भोपाल के तीन और शिवपुरी एवं ग्वालियर के दो-दो मरीज शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि फिलहाल इनमें से 45 लोग प्रदेश के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं, जबकि दो अन्य लोगों की मौत हो चुकी है।
मरने वालों में इंदौर का एक निवासी और उज्जैन की एक महिला है। ये दोनों मरीज 65-65 साल के थे और उन्होंने इंदौर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था।