दमोह- मध्यप्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विरोध में विप्रों में लगातार आक्रोश उत्पन्न हो रहा है हाल ही में इनके द्वारा दिये गये ब्यान को लेकर जमकर विरोध होने लगा है। विदित हो कि गत दिवस चौहान ने प्रदेश के दलितों को पुरोहित कार्य की शिक्षा देने के लिये योजना प्रारंभ करने की बात कही थी।
चौहान के ब्यान को लेकर तत्काल ही विरोध प्रारंभ हो चुका था जिसके चलते लगातार ज्ञापनों के माध्यम से अपना विरोध ब्राम्हण जता रहे हैं। इसी के चलते जिला मुख्यालय पर भी ब्राम्हणों ने देव कौशलाधीश प्यासी मंदिर से एक वाहन रैली के माध्यम से कलेक्ट्रेड पहुंचे। जब-जब ब्राम्हण बोला है राज सिंहासन डोला है तथा शिव राज तेरी तानाशाही नहीं चलेगी के नारों के साथ जय-जय परशुराम के जयकारों से गलियों को गुंजायमान कर दिया। उक्त विषय को लेकर एक ज्ञापन प्रदेश के राज्यपाल के नाम जिले के कलेक्ट्रर डा.श्रीनिवास शर्मा को सौंपा गया।
अंबेडकर जयंती पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन में आयोजित सिंहस्थ में दलितों से धार्मिक अनुष्ठान कराए थे। इतना ही नहीं उन्होंने ये घोषणा भी की थी, कि राज्य के दलित, ब्राह्मणों की तरह पूजा-पाठ करा सकते हैं। शिवराज के इस बयान के बाद से ब्राह्मणों में आक्रोश उपजने लगा था, जिसकी परिणीति स्वरूप अब तमाम विप्रजन सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन भी किया।
मंच के जिला संयोजक आनंद व्यास ने सभी ब्राह्मणजनों से अनुरोध किया है, कि सभी अपने-अपने घरों से ढोलक, मजीरा, पेटी, शंख, घंटी आदि लेकर आएं, ताकि आंदोलन के नाद से सरकार की नींद टूट जाए और वह ब्राह्मणों के अधिकारों पर अतिक्रमण के अपने निर्णय को वापस ले सके।
रिपोर्ट -डा.एल.एन.वैष्णव
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