कर्नाटक में तीन हफ्तों तक चली सियासी उठापटक का अंत कुमारस्वामी सरकार के गिरने और बीएस येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री बनने के बाद खत्म हो गई है।
अब मध्यप्रदेश सियासी नाटक का नया रंगमंच बनने की ओर अग्रसर है। कम से कम पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बयान तो इसी तरफ इशारा करता है।
चौहान ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में कहा कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने जो खेल शुरू किया है उसे भाजपा खत्म करेगी।
माना जा रहा है कि उनका इशारा भाजपा के उन दो विधायकों की तरफ था जिन्होंने कांग्रेस के पक्ष में वोट करके पार्टी से बगावत की थी।
कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस (जनता दल सेक्युलर) गठबंधन की सरकार गिरने के दो दिन बाद ही मध्यप्रदेश के नेता दावा कर रहे थे कि यदि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का इशारा मिल जाए तो वह कांग्रेस की सरकार गिरा देंगे।
इसी बीच भाजपा के दो विधायकों नारायण त्रिपाठी और शरद कोल ने एक विधेयक पर पार्टी के रुख के खिलाफ जाकर कांग्रेस सरकार के पक्ष में वोट किया। केवल इतना ही नहीं दोनों विधायकों ने कमलनाथ के नेतृत्व में विश्वास व्यक्त करते हुए कांग्रेस में शामिल होने का इशारा तक दिया है।
इसके अलावा मध्यप्रदेश सरकार के करीबी कंप्यूटर बाबा ने दावा किया है कि भाजपा के चार अन्य विधायक उनके संपर्क में हैं और कमलनाथ जब आदेश देंगे मैं उन्हें पेश कर दूंगा।
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को कांग्रेस पर जमकर हमला बोला।
चौहान ने कहा कि उन्होंने (कांग्रेस) खेल की शुरुआत की है जिसे हम (भाजपा) खत्म करेंगे। कांग्रेस सरकार बसपा और अन्य पार्टियों के समर्थन से सरकार चला रही है।
चूंकि उसके पास हमसे कुछ ही सीटें ज्यादी थी इसलिए हमने नैतिक आधार पर सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया।
चौहान ने कहा कि कांग्रेस ने जो गंदी राजनीति शुरू की है उसे इसका अंजाम भुगतना पड़ेगा। पूर्व मुख्यमंत्री का यह बयान राज्य में चल रही राजनीतिक उथल-पुथल के दो दिन बाद आया है।
जब भाजपा के दो विधायकों नारायण त्रिपाठी और शरद कोल ने बुधवार को विधानसभा में पेश हुए दंड विधि (संशोधन) विधेयक, 2019 के पक्ष में वोट दिया। जबकि पार्टी इस विधेयक के खिलाफ थी।