भोपाल – मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता शांता कुमार के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को लिखे गए पत्र के जवाब में उन्हें पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि वास्तविकता जाने बगैर विपक्ष के नेताओं के आरोपों के आधार पर वरिष्ठ भाजपा नेता ने जो चिंता जताई है, वह अनावश्यक है।
शांता कुमार ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिखकर कहा था कि व्यापमं घोटाले से भाजपा की छवि खराब हुई है। साथ ही पार्टी में आचार समिति के गठन का सुझाव भी दिया था। शांता कुमार ने यह पत्र अपने फेसबुक और ट्विटर अकाउंट पर भी साझा किया था।
शांता कुमार के पत्र के जवाब में शिवराज ने भी उन्हें मंगलवार रात पत्र लिखा। शिवराज ने अपने पत्र में लिखा, “अपनी पार्टी (भाजपा) के नेताओं पर विपक्ष द्वारा लगाए जा रहे आरोपों के संबंध में जानकारी प्राप्त किए बिना चिंता व्यक्त करना अनावश्यक और अनपेक्षित है। अन्य राज्यों से संबंधित तथ्यात्मक जानकारी लेने में अगर कठिनाई थी, तो पहले हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के कार्यकाल में हो रहे भ्रष्टाचार प्रकरणों में जन-आंदोलन का आह्वान अच्छा होता।”
शिवराज ने व्यापमं मामले को लेकर सफाई देते हुए पत्र में लिखा, “जहां तक व्यापमं का प्रश्न है, मैंने इसे विशेष कार्य बल (एसटीएफ ) को सौंपा, ताकि पूरे मामले की निष्पक्षता एवं दक्षता से जांच हो सके। उच्च न्यायालय ने एसटीएफ की जांच की प्रशंसा कर इसे निष्पक्ष तथा सही दिशा में पाया। उच्च न्यायालय ने इस संबंध में विपक्षी दल कांग्रेस के नेताओं के आरोपों को गलत सूचना और गलत समझ पर आधारित बताया। मुख्यमंत्री शिवराज ने अपने पत्र के साथ शांता कुमार को व्यापमं के बारे में विस्तृत ब्यौरा भी भेजा है।