भोपाल : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नोएडा को लेकर पिछले 29 साल से चले आ रहे अंधविश्वास को तोड़ने के बाद अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी इसी तरह का अंधविश्वास तोड़ने जा रहे हैं। शिवराज ने घोषणा की है कि वह अशोक नगर जाएंगे जहां जाने से राज्य के अब तक के सीएम कतराते रहे हैं।
बता दें, पिछले दिनों दिल्ली मेट्रो के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लेकर योगी आदित्यनाथ ने उस मिथक को तोड़ दिया था जिसमें यह कहा जाता था कि जो भी सीएम नोएडा जाता है, उसे कुर्सी से हाथ धोना पड़ता है। योगी के इस साहसिक कदम की पीएम नरेंद्र मोदी ने भी प्रशंसा की थी। योगी के बाद अब शिवराज भी अशोक नगर के अंधविश्वास को तोड़ने जा रहे हैं।
ऐसा माना जाता है कि मध्य प्रदेश का जो भी मुख्यमंत्री अपने कार्यकाल के दौरान अशोक नगर जिला मुख्यालय की यात्रा करता है, उसे कुर्सी छोड़ना पड़ता है। राज्य के कई ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्हें अशोक नगर जिला मुख्यालय की यात्रा के बाद पद छोड़ना पड़ा। इससे इस अंधविश्वास को बढ़ावा मिला।
मंगलवार को अशोक नगर जिले के पिपराई कस्बे की यात्रा के दौरान चौहान ने घोषणा की कि वह अंधविश्वासी नहीं हैं और जल्द ही यात्रा कर अशोक नगर से जुड़े मिथक को तोड़ेंगे। उन्होंने कहा, ‘ मैं किसी गलतफहमी में विश्वास नहीं करता हूं और मैं अंधविश्वासी नहीं हूं। मैं इस मिथक को जल्द ही तोडूंगा और निश्चित रूप से अशोक नगर की यात्रा करूंगा।’
इससे पहले राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारका प्रसाद मिश्रा, सुंदरलाल पटवा, अर्जुन सिंह, दिग्विजय सिंह, उमा भारती, बाबूलाल गौर और लालू यादव (बिहार के सीएम रहने के दौरान) भी इस मिथक के कथित रूप से शिकार बने। इस तरह की मान्यता के कारण मुख्यमंत्रियों ने अशोक नगर जिला मुख्यालय की यात्रा करने से परहेज किया। यहां तक कि पिछले 12 साल के कार्यकाल के दौरान शिवराज सिंह चौहान भी अशोक नगर जिला मुख्यालय नहीं गए थे।