मुंबई- शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में गोरक्षा के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचार का समर्थन किया है जिसमें उन्होंने गोरक्षा का गोरखधंधा चलाने वालों को दंडित करने की बात कही थी। साथ ही शिवसेना ने गोरक्षकों पर सवाल भी उठाया है और पूछा है कि गोरक्षा के इस गोरखधंधे का जिम्मेदार कौन है?
शिवसेना ने कहा है कि पिछले दो सालों में इतने गोरक्षक कहां से आए हैं। साथ ही सामना में केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा गया है कि ‘भारतीय जनता पार्टी के प्रचार का झंडा लेकर चलने वाले संगठनों की गोरक्षा के नाम पर सैकड़ों संस्थाएं थी। ‘ केंद्र सरकार से सवाल सवाल किया गया है कि ‘क्या यही लोग आज गोरक्षा का गौरखधंधा तो नहीं कर रहे।
सामना में ये भी लिखा गया है कि गोरक्षा के नाम पर ट्रकों को रोककर उनसे पैसे वसूलना और फिर इन्हीं गायों का सौदा करने का यह धंधा वाकई भयानक है। गोररक्षको ने जिस तरह गोरखधंधा खोलकर लोगों को छला है उसी तरह मुंबई जैसे शहर में शाकाहार के नाम पर कई बिल्डरों ने स्वंय के अलग द्वीप का निर्माण तक मांसाहार करने वालों को घर ने देने का उद्योग शुरु किया है। यह भी एक तरह का अलग गोरखधंधा है।
सेना ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा है कि ‘प्रधानमंत्रियों को चाहिए कि इन शाकाहारियों पर भी कठोर प्रहार करके उन्हें रास्ते पर लाएं। कोई क्या खाए यह उसका अपना मसला है। ‘ आगे ये भी कहा गया है कि ‘राजनीति, उद्योग और सामाजिक क्षेत्र में आज गोबर खाकर भी लोग सीना तानकर जी रहे हैं, इसे देखने के बाद अब दूसरे लोगों के खाने-पीने पर सवाल उठाकर विवाद क्यों बढ़ाया जाए। ‘ [एजेंसी]