मुंबई- जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में सोमवार को आतंकियों से मुठभेड़ में सेना के चार जवान शहीद हो गए. जवानों की शहादत पर जहां एक ओर पूरा देश शोक में है, वहीं शिवसेना ने मुखपत्र ‘सामना’ के जरिए मोदी सरकार की इच्छाशक्ति पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पार्टी ने लिखा है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को PAK में घुसकर मुंहतोड़ जवाब देने की जरूरत है और इसके लिए मनोबल विदेशों से उधार नहीं लाया जा सकता। अब तो हिम्मत दिखाओ’ शीर्षक से लिखे संपादकीय में शिवसेना ने लिखा है कि सैनिकों का बलिदान देश को बेचैन और अस्वस्थ्य कर रहा है।
सरकार को भी कर रहा होगा, लेकिन शहीद जवानों के ताबूतों पर पुष्पचक्र अर्पित करने में कौन-सी मर्दानगी है. सामना ने लिखा है, हिंदुस्तान में तीनों सेना दल जबरदस्त सक्षम हैं, फिर चाहे वायुसेना हो, थलसेना या फिर नौसेना हमारी सेनाओं के सामर्थ्य की पुष्टिवायुसेना के प्रमुख अनूप शाह ने की है।
पाकिस्तान में घुसकर म्यांमार जैसी सैन्य कार्रवाई की मांग करते हुए संपादकीय में आगे लिखा गया है, ‘वायुसेना प्रमुख कहते हैं कि हमें सिर्फ राजकीय आदेश की आवश्यकता है। अब यह राजकीय इच्छाशक्ति कहां से लाएं? यह कोई अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन जैसे देशों से उधार तो लाई नहीं जा सकती। इसके लिए हमारी सरकार के मनोबल और बाहुबल को प्रज्वलित होना चाहिए. एक बार पाकिस्तान में सेना घुसाओ और हमेशा के लिए उसका बंदोबस्त कर दो!
संपादकीय में लिखा गया है कि भारत की लड़ाई पाकिस्तानी सेना से ना होकर पकिस्तान द्वारा भेजे गए प्रशिक्षित आतंकियों से हो रही है लेकिन वह हम पर भारी पड़ रहे हैं। सामना ने लिखा है। पाकिस्तान के कई मंत्री और हाफिज सईद जैसे आतंकी जब हिंदुस्तान को धमकियां देते हैं।
तब हम उनका मजाक उड़ाते हैं और हिंदुस्तानी सेना के सामर्थ्य की याद दिलाते हैं। लेकिन पाकिस्तान समर्थित आतंकियों से लड़ते हुए हमें बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है. कुपवाड़ा में एक आतंकी ढेर हुआ, लेकिन हमें अपने चार जवानों का बलिदान देना पड़ा।
यूएन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाषण को निशाने पर लेते हुए शिवसेना ने लिखा है कि पाकिस्तान सिर्फ दहशतवाद पर चर्चा के लिए तैयार नहीं है संपादकीय में लिखा गया है, ‘जम्मू-कश्मीर में पाक समर्थित आतंकी हमारे जवानों की बलि ले रहे हैं और हमारी पाकिस्तान से चर्चा शुरू है।
हाल ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक नहीं हो सकी. हमारा मकसद था कि सिर्फ आतंकवाद पर चर्चा होगी, जिसे पाकिस्तान ने नहीं माना. पाकिस्तान दहशतवाद पर चर्चा के लिए तैयार नहीं। सामना ने लिखा है कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में हिंदुस्तान विरोधी दहशतवादियों के कैम्प चलाए जा रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में सोमवार को आतंकियों से मुठभेड़ में सेना के चार जवान शहीद हो गए. जवानों की शहादत पर जहां एक ओर पूरा देश शोक में है, वहीं शिवसेना ने मुखपत्र ‘सामना’ के जरिए मोदी सरकार की इच्छाशक्ति पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पार्टी ने लिखा है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को PAK में घुसकर मुंहतोड़ जवाब देने की जरूरत है और इसके लिए मनोबल विदेशों से उधार नहीं लाया जा सकता। अब तो हिम्मत दिखाओ’ शीर्षक से लिखे संपादकीय में शिवसेना ने लिखा है कि सैनिकों का बलिदान देश को बेचैन और अस्वस्थ्य कर रहा है।
सरकार को भी कर रहा होगा, लेकिन शहीद जवानों के ताबूतों पर पुष्पचक्र अर्पित करने में कौन-सी मर्दानगी है. सामना ने लिखा है, ‘हिंदुस्तान में तीनों सेना दल जबरदस्त सक्षम हैं, फिर चाहे वायुसेना हो, थलसेना या फिर नौसेना. हमारी सेनाओं के सामर्थ्य की पुष्टिवायुसेना के प्रमुख अनूप शाह ने की है।
पाकिस्तान में घुसकर म्यांमार जैसी सैन्य कार्रवाई की मांग करते हुए संपादकीय में आगे लिखा गया है, ‘वायुसेना प्रमुख कहते हैं कि हमें सिर्फ राजकीय आदेश की आवश्यकता है। अब यह राजकीय इच्छाशक्ति कहां से लाएं? यह कोई अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन जैसे देशों से उधार तो लाई नहीं जा सकती।
इसके लिए हमारी सरकार के मनोबल और बाहुबल को प्रज्वलित होना चाहिए. एक बार पाकिस्तान में सेना घुसाओ और हमेशा के लिए उसका बंदोबस्त कर दो। संपादकीय में लिखा गया है कि भारत की लड़ाई पाकिस्तानी सेना से ना होकर पकिस्तान द्वारा भेजे गए प्रशिक्षित आतंकियों से हो रही है। लेकिन वह हम पर भारी पड़ रहे हैं. सामना ने लिखा है।
पाकिस्तान के कई मंत्री और हाफिज सईद जैसे आतंकी जब हिंदुस्तान को धमकियां देते हैं, तब हम उनका मजाक उड़ाते हैं और हिंदुस्तानी सेना के सामर्थ्य की याद दिलाते हैं. लेकिन पाकिस्तान समर्थित आतंकियों से लड़ते हुए हमें बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है. कुपवाड़ा में एक आतंकी ढेर हुआ, लेकिन हमें अपने चार जवानों का बलिदान देना पड़ा।
यूएन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाषण को निशाने पर लेते हुए शिवसेना ने लिखा है कि पाकिस्तान सिर्फ दहशतवाद पर चर्चा के लिए तैयार नहीं है। संपादकीय में लिखा गया है, ‘जम्मू-कश्मीर में पाक समर्थित आतंकी हमारे जवानों की बलि ले रहे हैं और हमारी पाकिस्तान से चर्चा शुरू है।
हाल ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक नहीं हो सकी. हमारा मकसद था कि सिर्फ आतंकवाद पर चर्चा होगी, जिसे पाकिस्तान ने नहीं माना. पाकिस्तान दहशतवाद पर चर्चा के लिए तैयार नहीं। सामना ने लिखा है कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में हिंदुस्तान विरोधी दहशतवादियों के कैम्प चलाए जा रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में सोमवार को आतंकियों से मुठभेड़ में सेना के चार जवान शहीद हो गए। जवानों की शहादत पर जहां एक ओर पूरा देश शोक में है, वहीं शिवसेना ने मुखपत्र ‘सामना’ के जरिए मोदी सरकार की इच्छाशक्ति पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पार्टी ने लिखा है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को PAK में घुसकर मुंहतोड़ जवाब देने की जरूरत है और इसके लिए मनोबल विदेशों से उधार नहीं लाया जा सकता. अब तो हिम्मत दिखाओ’ शीर्षक से लिखे संपादकीय में शिवसेना ने लिखा है कि सैनिकों का बलिदान देश को बेचैन और अस्वस्थ्य कर रहा है।
सरकार को भी कर रहा होगा, लेकिन शहीद जवानों के ताबूतों पर पुष्पचक्र अर्पित करने में कौन-सी मर्दानगी है. सामना ने लिखा है, ‘हिंदुस्तान में तीनों सेना दल जबरदस्त सक्षम हैं, फिर चाहे वायुसेना हो, थलसेना या फिर नौसेना. हमारी सेनाओं के सामर्थ्य की पुष्टिवायुसेना के प्रमुख अनूप शाह ने की है।
पाकिस्तान में घुसकर म्यांमार जैसी सैन्य कार्रवाई की मांग करते हुए संपादकीय में आगे लिखा गया है, ‘वायुसेना प्रमुख कहते हैं कि हमें सिर्फ राजकीय आदेश की आवश्यकता है। अब यह राजकीय इच्छाशक्ति कहां से लाएं? यह कोई अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन जैसे देशों से उधार तो लाई नहीं जा सकती. इसके लिए हमारी सरकार के मनोबल और बाहुबल को प्रज्वलित होना चाहिए। एक बार पाकिस्तान में सेना घुसाओ और हमेशा के लिए उसका बंदोबस्त कर दो।
संपादकीय में लिखा गया है कि भारत की लड़ाई पाकिस्तानी सेना से ना होकर पकिस्तान द्वारा भेजे गए प्रशिक्षित आतंकियों से हो रही है. लेकिन वह हम पर भारी पड़ रहे हैं। सामना ने लिखा है, पाकिस्तान के कई मंत्री और हाफिज सईद जैसे आतंकी जब हिंदुस्तान को धमकियां देते हैं, तब हम उनका मजाक उड़ाते हैं और हिंदुस्तानी सेना के सामर्थ्य की याद दिलाते हैं। लेकिन पाकिस्तान समर्थित आतंकियों से लड़ते हुए हमें बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है. कुपवाड़ा में एक आतंकी ढेर हुआ, लेकिन हमें अपने चार जवानों का बलिदान देना पड़ा।
यूएन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाषण को निशाने पर लेते हुए शिवसेना ने लिखा है कि पाकिस्तान सिर्फ दहशतवाद पर चर्चा के लिए तैयार नहीं है। संपादकीय में लिखा गया है, ‘जम्मू-कश्मीर में पाक समर्थित आतंकी हमारे जवानों की बलि ले रहे हैं और हमारी पाकिस्तान से चर्चा शुरू है।
हाल ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक नहीं हो सकी। हमारा मकसद था कि सिर्फ आतंकवाद पर चर्चा होगी, जिसे पाकिस्तान ने नहीं माना। पाकिस्तान दहशतवाद पर चर्चा के लिए तैयार नहीं। सामना ने लिखा है कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में हिंदुस्तान विरोधी दहशतवादियों के कैम्प चलाए जा रहे हैं।