शिवसेना ने गौरक्षा के नाम पर लगातार हो रही हिंसा के मामले में बुधवार को केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखे आर्टिकल में गौरक्षा की तुलना ‘बिजनेस’ से की है। इसमें कहा गया कि ये लोग पीएम मोदी के लगातार निर्देशों और अनुरोध के बाद भी अपनी दुकान बंद नहीं कर रहे हैं।
इसके अलावा शिवसेना ने कहा कि पाकिस्तान चाहता है कि भारत के हिन्दू और मुस्लिम इस तरह के तुच्छ मुद्दों पर लड़ते रहें और धर्म के नाम पर देश बंट जाए। इसके बाद आर्टिकल में हाल ही में अमरनाथ यात्रियों की बस पर हुए हमले का भी जिक्र किया और पूछा कि उस समय “कथित गौरक्षक” कहां थे जब निर्दोष लोगों को मारा जा रहा था। आगे कहा गया कि जिस ड्राइवर ने कई लोगों की जान बचाई वह खुद भी मुस्लिम था।
इतना ही नहीं, शिवसेना ने इस पर भी निशाना साधा कि किस तरह कई भाजपा शासित राज्यों में ही बीफ पर बैन नहीं है, जबकि अन्य में लगा है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने भी पूछा कि “यह गौरक्षक कौन हैं जो लोगों की जान ले रहे हैं। यहां तक कि प्रधानमंत्री मोदी भी इस पर सवाल करने लगे हैं। क्या पाकिस्तान एक बार फिर भारत में हिन्दू-मुस्लिम दंगा कराना चाहता है?”
बता दें कि इससे पहले शिवसेना ने अमरनाथ तीर्थयात्रियों पर आतंकवादी हमले को लेकर भाजपा पर निशाना साधते हुए भाजपा को घाटी में आतंकवादियों से लड़ने के लिये “गोरक्षकों” को भेजने को कहा था। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा था, “क्या हमें समझना चाहिये कि अगर उनके थैले में हथियारों की जगह गाय का मांस होता तो उन आतंकवादियों में से कोई भी जीवित नहीं होता।” दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में एक बस पर हुए आतंकवादी हमले में छह महिलाओं समेत सात अमरनाथ तीर्थयात्री मारे गए थे और 19 अन्य घायल हुए थे। मृतकों में से पांच गुजरात के रहने वाले थे जबकि दो महाराष्ट्र की थीं।