कैथल- हरियाणा राज्य में कैथल जिले के पुण्डरी उप-तहसील में फारल गांव में स्थित श्राद्ध पक्ष में अपने पूर्वजों को पिंड दान करने के लिए फल्गू मेला लगता है। फल्गू मेले का संचालन व प्रबन्धन कैथल जिला कलक्टर व पुलिस अधीक्षक की देखरेख पूर्णरूप से प्रशासनिक स्तर पर होता है।
एक कहावत है कि ”जब बाड ही खेत को खाये तो माली बेचारा क्या करें” यह कहावत इस बार फल्गू मेले में चरितार्थ होती देखी जा सकती है। प्रशासन की नजर में श्रद्धा के दौरान फलगु मेला निष्पक्ष और श्रद्धा के साथ लगता है। यहां हिंदू अपने पूर्वजों की याद में भोजन के रूप में प्रसाद बनाकर पिंडदान करतें है।
इस जगह पर पितरों के पक्ष में किया प्रसाद (पिंडदान) से पूर्वजों की आत्मा को राहत मिलती है। श्राद्ध पक्ष में लगने वाले इस मेले में हरियाणा प्रांत सहीत अन्य राज्यों से भी भक्तजन पिंण्डदान करने यहां आतें है। मेले में मनिहारी, खिलौनों की दूकानें सजती है तथा मेले की शोभा बढाने के लिए यहां पर मनोरंजन के कई आईटम लगतें है जिसमें सर्कस, झूले, मौतकुआं, जादूगर आदि।
इस बार हमारी टीम ने फलगू का दौरा किया तो पाया की वहां पर भी मनोरंजन स्थल पर मारूती सर्कस के नाम से मौत कुआं चलाया जा रहा है। जब इस मामले मनोरंजन के संसाधन उपलब्ध करवाने वाले व्यवसायी से बातचित की तो उन्होनें खबर टुडे की टीम को कई चौंकाने वाली बात कही। व्यवसायी का कहना है कि यहां फल्गू में मनोरंजन के लिए मौत कुआं चलाने के लिए प्रशासन को रिश्वत के नाम पर लाखों रूपये दिये है।
मनोरंजन स्थल पर मारूती सकर्स के नाम पर मौत कुआं ही चलेगा साथ ही जादू व सर्कस में लडकीयों द्वारा अश्लील डांस करवाया जाता है। मामले की गम्भीरता को लेते हुए इस बार एक समाजसेवक ने मौत कुआं के इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाने का पूरा मन बना रखा है। वहीं मौत कुआं व अश्लील डांस और रात को तेज आवाज में बजने वाले लाउड स्पीकर पर रोक लगाने के लिए राजस्थान प्रदेश के समाजसेवक ने जिला कलक्टर को शिकायती पत्र पेश कर मांग की है।
साथ ही शिकायती पत्र की प्रतियां माननीय राज्यपाल हरियाणा, मुख्यमंत्री हरियाणा, प्रमुख शासन सचिव हरियाणा, महानिदेशक भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो चण्डीगड को भेजी है। आपको बता दें की मौत कुआं पर माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूर्णरूप से प्रतिबन्ध लगाया हुआ है। बावजूद इसके इस बार श्रद्धा के सैलाब फल्गू मेले में भ्रष्टाचार मुक्त हरियाणा प्रदेश के कैथल जिले का प्रशासन भ्रष्टाचार के गन्दे सागर में डूबकी लगाते हुए ईमानदारी से मेला संचालन करने की लीक पीट रहा है।
वहीं मोदी सरकार द्वारा टीवी व भारत भर के सभी अखबारों के माध्यम से प्रचार-प्रसार करने में रोजाना करोडों रूपये विज्ञापनों पर इस बात के लिए खर्च किये जा रहे है किकम वॉट की एलईडी बल्ब व सीएफएल ट्यूब लगाओं ताकि देश में बिजली बचाई जा सके। मोदी के प्रचार-प्रसार से यहां के जिला प्रशासन के तो कानों पर जूं तक नहीं रैंगी है। ऐसा फल्गू मेले में बिजली व रोशनी व्यवस्था को देखकर आप खुद ही समझ जाओगें।
रोशनी के लिए एलईडी की तो दूर की बात वहां पर तो हजारों की संख्या में दो-दो सौ वॉट के बल्ब जलाये जा रहें है जिससे रोजाना लाखों की बिजली खपत होती है। अब यहां प्रशासन पर कई सवाल खडे होतें है। क्या यही है करोडों रूपये अनाधिकृत रूप से खर्च कर मेला प्रबन्धन व्यवस्था? इस बार चल रहे फल्गू मेले से सम्बन्धित सम्पूर्ण सिस्टम का जबाब जल्द ही उस समाजसेवक को कोर्ट के सामने कैथल के जिला कलक्टर व पुलिस अधीक्षक को देने ही होगें।
रिपोर्ट: राज अग्रवाल