प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल भाजपा ने पुरे प्रदेश में सोमवार को धरना प्रदर्शन किया। भाजपा ने आरोप लगाया कि कमलनाथ सरकार किसान विरोधी सरकार हैं।
चुनाव के समय किसानों से कर्ज माफ़ी का वादा करके अभी तक भी उनका कर्जा माफ़ नहीं किया। धरना प्रदर्शन में शामिल होने आए इंदौर के पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता ने भी तंज कसते हुए कहा की कांग्रेस ने नारा दिया था वक्त है बदलाव लेकिन किसानों की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया।
उन्होंने कमलनाथ सरकार को कफ़न चोर सरकार भी कहा। हालाकि धरना प्रदर्शन में भाजपा के ही कार्यकर्त्ता नहीं पहुंच पाए मुठी भर लोगों ने कलेक्ट्रेट पहुंच कर बिजली के बिल भी जलाए।
वहीं कांग्रेस ने कहा की केंद्र प्रदेश सरकार के साथ सौतेला व्यवहार कर रही हैं जिस के चलते बारीश से परेशान किसानो को मुआवजा मिलने में देरी हो रही हैं। कांगेस ने धरना प्रदर्शन को गैर जिम्मेदाराना कदम बताया।
खंडवा के कलेक्टर ऑफिस के पास भाजपा ने प्रदेश शासन के खिलाफ धरना प्रदर्शन का आयोजन किया। जिसमें किसानों को शामिल होना था लेकिन इस धरना प्रदर्शन में किसान तो क्या भाजपा के ही कार्यकर्ता शामिल नहीं हो पाए।
गिनती के कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ वादा खिलाफी के लिए नारेबाजी की। और जिला कलेकटर कार्यालय पहुंच कर बिजली बिलों की होली जलाई।
धरने में शामिल होने आए इंदौर के पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगते हुए कहा की कांग्रेस ने वादा किया था सरकार बनते ही 10 दिन में किसान का कर्जा माफ़ कर देंगे लेकिन 10 महीने गुजर जाने के बाद भी किसानों का कर्जा माफ़ नहीं किया।
पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता यही नहीं रुके उन्होंने कमलनाथ सरकार को कफ़न चोर सरकार तक बोल दिया। उन्होंने कहा कि सम्बल योजना में जन्म से मृत्यु तक सारी योजना शामिल थी। दुर्घटना में दो लाख और मृत्यु में पर चार लाख रुपए मिलते थे। और कोई गरीब के यहाँ कोई मौत होती थी तो शिवराज सरकार उसको दाह संस्कार के लिए पांच हजार रूपये देती थी। लेकिन कांग्रेस की कफ़न चोर सरकार न उनके कफ़न के पैसे भी बंद कर दिए।
वहीं इंदौर से आए कांग्रेस सेवा दल के नेता सच सलूजा ने कहा कि भाजपा जो आंदोलन कर रही है वो न्याय सांगत नहीं हैं। देश में भाजपा की सरकार हैं और अतिवर्षा से प्रभावित किसानों की मदद के लिए उनको भी आगे आना चाहिए प्रदेश के किसानों ने उन्हें भी वोट दिया हैं लेकिन भाजपा के लोग सेतु बनने की बाजए विरोध कर रहे हैं।