हरियाली तीज श्रावण (सावन) माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को रखा जाता है. यह त्यौहार नाग पंचमी के दो दिन पहले मनाया जाता है. यह महिलाओं के मुख्य त्यौहारों में से एक है.
हरियाली तीज पर शिव-पार्वती जी की पूजा और व्रत किया जाता है. शिव पुराण के अनुसार इसी दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था। इसे छोटी तीज या श्रावण तीज के नाम से भी जाना जाता है।
उत्तर भारतीय राज्यों में तीज का त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. यह व्रत और पूजा राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार की महिलाएं विशेष रूप से करती हैं. इस साल हरियाली तीज की पूजा 5 अगस्त, शुक्रवार को की जाएगी।
मान्यता है कि इस दिन विवाहित महिलाओं को अपने मायके से आए कपड़े पहनने चाहिए और साथ ही श्रृंगार में भी वहीं से आई वस्तुओं का इस्तेमाल करना चाहिए। अच्छे वर की मनोकामना के लिए इस दिन कुंवारी कन्याएं भी व्रत रखती हैं।
हरियाली तीज के दिन विवाहित स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन स्त्रियों के मायके से श्रृंगार का सामान और मिठाइयां उनके ससुराल भेजी जाती है। हरियाली तीज के दिन महिलाएं सुबह घर के काम और स्नान करने के बाद सोलह श्रृंगार करके निर्जला व्रत रखती हैं. इसके बाद मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा होती है।
पूजा के अंत में तीज की कथा सुनी जाती है। कथा के समापन पर महिलाएं मां गौरी से पति की लंबी उम्र की कामना करती है। इसके बाद घर में उत्सव मनाया जाता है और भजन व लोक नृत्य किए जाते है. इस दिन झूला-झूलने का भी रिवाज है।