नई दिल्ली- सानिया मिर्जा और साइना नेहवाल के बाद पीवी सिंधू अब हैदराबाद से ही भारत की नई खेल सनसनी बन गई हैं। वह इस समय देश की दूसरी सर्वश्रेष्ठ बैडमिंटन खिलाड़ी हैं ही, लेकिन रियो ओलंपिक में उन्होंने जो सफलता हासिल की है वो ऐतिहासिक है। ओलंपिक के फाइनल में जगह बनाकर वह साइना से भी एक कदम आगे निकल गई हैं।
रक्षा बंधन के दिन सुबह साक्षी मलिक के बाद शाम को भारत को एक और खुशी देने वाली सिंधु ने शानदार प्रदर्शन की बदौलत महिला एकल के फाइनल में प्रवेश कर इतिहास रच दिया। अब उनकी गिनती भारत के महान खिलाड़ियों में होगी। उन्होंने रियो ओलंपिक में ही अब तक के सफर में 5 कारनामें कर डाले हैं जिससे वो महान खिलाड़ी हो गईं।
जानते हैं रियो में उनकी 5 उपलब्धियां।
1, रियो में इन दिनों 31वां ओलंपिक खेल खेला जा रहा है। यहां पर पीवी सिंधू ने फाइनल में जगह बनाते हुए ओलंपिक के किसी भी खेल के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई हैं। इसमें निशानेबाजी और एथलेटिक्स शामिल नहीं है।
2, पीवी सिंधू ओलंपिक में बैडमिंटन का किसी भी वर्ग में फाइनल खेलने वाली पहली खिलाड़ी होंगी। साथ ही निशानेबाजी और एथलेटिक्स को छोड़ दिया जाए तो किसी भी खेल के फाइनल में पहुंचने वाली देश की पहली खिलाड़ी बन गई हैं सिंधू।
3, फाइनल में यूं तो सिंधू की नजर स्वर्ण पर होगी, लेकिन हारने की सूरत में उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ेगा। ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली वह देश की पहली महिला खिलाड़ी होंगी। इससे पहले 4 खिलाड़ी देश के लिए कांस्य पदक जीत चुकी हैं।
4, रियो में फाइनल तक के सफर में सिंधू ने एक भी गेम नहीं गंवाया है। उन्होंने अब तक खेले चारों मैच में एक भी गेम नहीं गंवाया है।
5, सबसे खास बात यह है कि रियो पीवी सिंधू का पहला ओलंपिक है और अपने पहले ही ओलंपिक के फाइनल में पहुंच गई हैं। [एजेंसी]