उज्जैन- अक्सर ऐसा सुनने को मिलता है कि मुसलमानों के जुलूूस से हिंदू बस्ती में तनाव या फिर हिंंदूूओ के किसी कार्यक्रम में मुस्लिमों की रोक-टोक। लेकिन विश्व के सबसे बड़े धार्मिक समारोह उज्जैन के सिंहस्थ में कुछ अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है।
जीहां सिंहस्थ मेले के कारण उज्जैन इन दिनों आस्था के पर्व में डूबा हुआ है। यहां की फिजा आस्था और धार्मिक मंत्रों से गुंजित है। आस्था के इस पर्व में पूरा विश्व एकत्रित है। ऐसे में महाकाल की नगरी उज्जैन में हिन्दू-मुस्लिम एकता का एक अद्भुत नजारा देखने को मिला है।
उज्जैन में हिन्दुओं के सबसे बड़े मेले सिंहस्थ कुम्भ में आये दिन आंधी बारिश से होने वाली परेशानी से उज्जैन की मस्जिदें श्रद्धालुओं को ठिकाना दे रही हैं। उमड़ी भीड़ के लिए मस्जिदों ने अपने दरवाजे खोल दिए हैं।
लाखों की संख्या में जुटे देश-विदेश के भक्तों के लिए शहर की कई मस्जिदें धर्मशालाएं बन गई हैं। जहां न सिर्फ ठहरने की व्यवस्था है बल्कि खाने पीने का प्रसाद भी मिल रहा है। ये नजारा हमें धर्म शब्द के वास्तविक अर्थ तक ले जाती है। धार्मिक सद्भावना का ये अनूठा उदहारण है।
पिछले दिनों कुम्भ के मेले में लगातार आंधी और भरी बारिश में कुछ जानें चली गईं और कई पंडाल तहस-नहस हो गए जिससे भारी संख्या में जुटे लोगों के ठहरने की समस्या खड़ी हो गई। ऐसे में एक मुस्लिम संगठन आगे आया। संगठन के मुखिया ने समुदाय के लोगों से मस्जिदों के दरवाजे हिन्दू श्रृद्धालुओं के लिए खोलने के लिए पूछा और लोगों ने इस काम में उनका साथ दिया।
क्षिप्रा नदी के घाटों के किनारे भी कुछ मुस्लिम युवक हर वक्त तैनात रहते हैं जो लोगों को बारिश के बाद फिसलन वाले घाटों पर नहाने को लेकर सतर्कता बरतने की चेतावनी देते रहते हैं। एकता का ये नजारा उज्जैन की जमातखाना और सोडगिरन मस्जिदों में देखने को मिल जायेगा। जहां हिन्दू श्रद्धालुओं की हर संभव सहायता में मुस्लिम लोग हंसी-ख़ुशी लगे हुए हैं।
Simhstha: hindu muslim unity in ujjain, open muslim mosques doors for Hindu devotees #हिन्दू, #सिंहस्थ
सिंहस्थ: हिन्दू श्रद्धालुओं के लिए खुले मस्जिदों के दरवाजे