इंदौर- मध्यप्रदेश के इंदौर जिले की विशेष न्यायालय ने आज स्टुडेंट स्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के ग्यारह आंतकियों को उम्रकैद की सजा सुनायी, जिला न्यायालय के विशेष न्यायधीश बी के पालोदा की अदालत ने सिमी आंतकवादी सफदर नागौरी समेत ग्यारह आंतकियों को उम्रकैद की सजा सुनायी।
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इस दौरान जमानत पर रिहा मुनरोज भी उपस्थित था और अदालत परिसर में भारी सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी।
जिला लोक अभियोजक विमल कुमार मिश्रा ने बताया कि इससे पूर्व सिमी आतंकी समेत 11 आरोपियों का बयान जिला अदालत में 23 फरवरी को पूरे हो गये थे।
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गिरफ्तारी के वक्त मिले थे भारी मात्रा में हथियार
– इंदौर और धार पुलिस ने 27 मार्च 2008 को सिमी के 17 आतंकियों को इंदौर के माणिकबाग क्षेत्र के श्याम नगर से गिरफ्तार किया था।
– इनके पास से भारी मात्रा में खतरनाक हथियार, नक्शे और देश विरोधी लिटरेचर मिला था।
– इन्होंने चोरल के पास एक फार्म हाउस में एक ट्रेनिंग कैम्प भी लगाया था।
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कौन है सफदर नागौरी?
– स्टूडेंट इस्लामी मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) का कर्ताधर्ता सफदर नागौरी सिर्फ भारत में ही एक्टिव नहीं था। यह अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन अल कायदा और पाकिस्तान में एक्टिव जमायते इस्लामी के भी कॉन्टैक्ट में था।
– उज्जैन के पास महिदपुर का रहने वाला नागौरी Mass Com का स्टूडेंट था। उसने उज्जैन के विक्रम विवि के जर्नलिज्म डिपार्टमेंट से कश्मीर प्रॉब्लम पर बर्फ की आग टाइटल से थिसिस लिखी थी।
सिमी के आतंकियों की कब्र पर लगा शहीद का शिलालेख
– नागौरी को शाहिद बद्र फलाही की जगह सिमी का मुखिया बनाया गया था। इसके बाद सिमी का नाम मुंबई अजमेर बम विस्फोटों में सामने आया था।
– नागौरी का गुट कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के परमाणु ठिकानों को उड़ाने की साजिश रच रहा था। उसके साथ पकड़ा गया कर्नाटक का सिबली और हाफिज दोनों बीटेक हैं।
नागौरी के अलावा इनको मिली सजा
– कमरुद्दीन नागौरी उर्फ राजू, सिबली, साबिर, अंसार, यासीन, हाफिज हुसैन, अहमद बेग, शमी, मुनरोज और खालिद अहमद।