नई दिल्ली – कथित फर्जी कंपनियों से चंदा लेने के आरोपों का सामना कर रही आम आदमी पार्टी ( आप) ने दिल्ली में चुनाव लड़ रहीं तीनों मुख्य पार्टियों की फंडिंग की जांच करवाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने का ऐलान किया। हालांकि, ऐलान के मुताबिक सुबह साढ़े दस बजे ‘आप’ की टीम सुप्रीम कोर्ट नहीं पहुंची और संभावना जताई जा रही है कि पार्टी कोई नई रणनीति काे साथ सामने आ सकती है।
आम आदमी पार्टी का कहना है कि बीजेपी, कांग्रेस और ‘आप’ के चंदे की एसआईटी से जांच करवानी चाहिए और जिसकी फंडिंग में गड़बड़ी पाई जाए, उसकी मान्यता रद्द होनी चाहिए।
आम आदमी पार्टी चीफ अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार सुबह ट्वीट किया कि पार्टी के पांच नेताओं की टीम सुप्रीम कोर्ट जाकर बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की फंडिंग की जांच करने के लिए ऐप्लिकेशन देंगे। उन्होंने लिखा है कि आशुतोष, कुमार विश्वास, संजय सिंह, आशीष खेतान और योगेंद्र यादव सुबह साढ़े 10 बजे सुप्रीम कोर्ट पहुंचकर एसआईटी जांच की गुजारिश करेंगे। हालांकि, नियत समय पर सुप्रीम कोर्ट के सामने ‘आप’ की ओर से कोई भी पेश नहीं हुआ।
इससे पहले सोमवार को आम आदमी पार्टी नेता योगेंद्र यादव से जब चंदे को लेकर लग रहे आरोपों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, ‘आम आदमी पार्टी को किसी तरह का डर नहीं है। हम तो कहते हैं कि सबकी जांच हो। एक एसआईटी बननी चाहिए जो बीजेपी, कांग्रेस और ‘आप’ समेत सभी पार्टियों के चंदे की जांच करे। यह एसआईटी सरकार के अंडर नहीं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के अंडर होनी चाहिए।’
‘आप’ नेता आशुतोष ने भी कहा है कि सभी पार्टियों के चंदे की जांच होनी चाहिए और जिसके हिसाब में गड़बड़ी पाई जाए, उसकी मान्यता तुरंत रद्द होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी एक-एक पैसे का हिसाब रखती है और इसे वेबसाइट पर डाल देती है। मगर क्यों बीजेपी और कांग्रेस यह नहीं बतातीं कि उन्हें किस-किस से कितना चंदा मिल रहा है।
आम आदमी पार्टी पर फर्जी कंपनियों से चंदा लेने का आरोप लगने के बाद इस मुद्दे पर राजनीति तेज हो गई है। बीजेपी और कांग्रेस इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी पर लगातार निशाना साध रही है। सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ‘आप’ पर जोरदार हमला किया था। इसके बाद मंगलवार को कई अखबारों में छपे बीजेपी के विज्ञापन में भी आम आदमी पार्टी को टारगेट किया गया है।