आपके घर में देवी-देवताओं की अनेक मूर्तियां और तस्वीरें होंगी लेकिन क्या यह वास्तु विज्ञान के अनुसार आपके घर में सुख समृद्धि के लिए अनुकूल है। दरअसल देवी देवताओं की मूर्तियां घर किस रूप में है और कहां है इस बात का असर घर की सुख-समृद्धि पर होता है। इसलिए जब भी घर में देवी-देवताओं की मूर्तियां लाएं तो इन बातों का ध्यान जरुर रखें।
वास्तु विज्ञान के अनुसार घर में देवी देवताओं की खड़ी प्रतिमा की बजाय आसान पर विराजमान मूर्तियां अधिक शुभ और लाभ प्रदान करने वाली होती है।
पूजा पाठ के दौरान सबसे पहले देवी-देवताओं को आवाहन करके उन्हें आसान दिया जाता है और पूजा स्थान पर विराजमान किया जाता है। इसका उद्देश्य यह होता है कि देवी-देवता घर में वास करें। खड़े देवी-देवता इस बात का संकेत कि वह विराजमान नहीं है वह विदा हो रहे हैं इसलिए खड़े देवी-देवताओं की जगह बैठे देवी-देवताओं को शुभ माना जाता है।
वास्तु विज्ञान के अनुसार घर में देवी लक्ष्मी, सरस्वती, गणेश और कुबेर की मूर्ति कभी खड़ी नहीं होनी चाहिए। इनका बैठा होना शुभ और लाभदायक होता है।
राधा कृष्ण और भगवान राम कई मूर्तियों में खड़े दिखते हैं लेकिन पूजा स्थान में लड्डू गोपाल का विशेष महत्व होता है क्योंकि यह बैठे होते हैं।
काली की विकराल छवि वाली मूर्ति जिनमें देवी काली का बायां पैर भगवान शिव के ऊपर रहता है ऐसी मूर्ति भी घर में होना अच्छा नहीं माना जाता है। ऐसी मूर्ति को श्मशान काली माना जाता है जो विध्वंश का प्रतीक हैं।