खरगोन- खरगोन का कलेक्टोरेट परिसर में बिन की आवाज सुन इक्क्ठे हुए लोग लेकिन ये क्या खाली टिपारिया पड़ी है जिसमे नाग नहीं है वही बिन बजा रहे सपेरे के साथी नकली सांप को नचा रहे है । सहसा नजारा देख कोई भी समझ नहीं पाया माजरा क्या है । एक साथ इतने सपेरे लेकिन एक के साथ भी साँप नहीं । एक सपेरा नकल सांप को नचा रहा है ।
वन विभाग ने नए नियमो में सांप पकड़ने पर रोक लगा दी है अब सवाल यह भी उठता है कि ऐसे में नाग पंचमी पर क्या लोग नाग के दर्शन कर पाएंगे ।
सपेरों से पूछने पर पता चला कि वन विभाग द्वारा वन्य प्राणी सुरक्षा अधिनियम के तहत आदेश जारी किये है कि कोई भी सपेरा साँप नहीं पकड़ेगा ।
सपेरों का कहना है की ऐसे में उनके परिवार के लालन पालन में काफी दिक्क़ते सामने आएगी , सपेरा जाती घुमक्क्ड़ होती है ऐसे में न खेती है न कोई अन्य व्यसाय । कई सपेरों ने पढ़ाई लिखाई की है लेकिन कोई योजना में रोजगार नहीं मिला । ऐसे में वन विभाग के आदेश से हमारा जीवन यापन दूभर हो जायेगा । हम सपेरे है जो नाग पंचमी पर सांप दर्शन करवा कर मांग कर खाते है ।
नियमो के कारण यदि सांप नहीं पकडे तो इस बार नाग पंचमी पर लोगो की नाग देवता के दर्शन भी नसीब नहीं होंगे । वही जब लोगो के घरो में सांप निकलते है तो हम ही उन्हें पकड़ कर जंगल में छोड़ते है और लोगो की जान बचाते है । सपेरों का कहना है की प्रदेश भर में अभी तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया जिसमे सपेरों ने सांपो का जहर बेचा हो और कोई कार्रवाई हुई हो फिर क्यों यह नियम थोपा जा रहा है ।
खरगोन जिले में 18 गांव में करीबी 21 हजार से ज्यादा जनसंख्या है सपेरा समाज की । वन विभाग पहुंचे सपेरों ने कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया और नारे बाजी भी की । समाज के लोगो के लिए रोजगार और खेती की जमींन मांग करते हुए आक्रोशित सपेरों ने मांग न मानने पर आंदोलन और चक्काजाम की चेतावनी दी ।
इस मामले में वन विभाग के अधिकारीयो का कहना है की नियमो के तहत सपेरों को सांप पकड़ने से रोका है । हालाँकि विभाग के एस डी ओ चौहान ने यह भी माना कि पुरे प्रदेश में आज तक किसी सपेरे को सांप का जहर बेचते नहीं पकड़ा है न कोई कार्रवाई हुई है । इनकी मांगो को उच्च अधिाकरियो को अवगत कराएँगे ।
रिपोर्ट :- फरीद शेख