कर्नाटक ड्रग्स कंट्रोल डिपार्टमेंट ने शेड्यूल H के तहत आने वाली दवा बेचने के लिए एक ई-कॉमर्स कंपनी पर केस करने का आदेश दिया है। कंपनी ऐसे ड्रग्स बेच रही थी जिनकी बिक्री के लिए डॉक्टर का प्रिस्क्रिप्शन जरूरी होता है।
डिपार्टमेंट ने 21 दिसंबर को एक आदेश जारी करते हुए बेलगावी के असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर को स्नैपडील के CEO, COO, लुधियाना की एक हर्बल हेल्थ केयर कंपनी के प्रोप्रायटर और स्टाफर के खिलाफ केस चलाने का आदेश दिया है। कंपनी के ऊपर आरोप है कि वह शेड्यूल H ड्रग सुहाग्रा-100 बेच रहे थे।
गौरतलब है कि शेड्यूल H की दवाइयां बिना क्वॉलिफाइड डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के नहीं बेची जा सकतीं। इससे पहले दिसंबर 2014 में ड्रग कंट्रोल अधिकारियों ने ऑनलाइन सेक्स स्टिमुलेशन ड्रग्स ऑर्डर कर बेलगावी में स्टिंग ऑपरेशन किया था।
सुहाग्रा एक सेक्स-स्टिमुलेशन ड्रग है जिसका प्रिस्क्रिप्शन साइकिऐट्रिस्ट या यूरॉलजिस्ट दे सकता है। ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट के सीनियर अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने दिसंबर 2014 में दवा ऑर्डर की थी।
उधर, लुधियाना की एजेंसी का इंस्पेक्शन किया गया और पाया गया कि प्रोप्रायटर के खिलाफ वैध ड्रग लाइसेंस नहीं था और उसकी खरीद के सॉर्स के बारे में नहीं बताया गया था।
आदेश में कहा गया है कि प्रोप्रायटर ने ड्रग्स ऐंड कॉस्मेटिक्स ऐक्ट 1940 की धारा 18A और C का उल्लंघन किया गया है।
आदेश में स्नैपडील के CEO कुणाल बेहल, COO रोहित कुमार बंसल का नाम शामिल है।
कहा गया है कि उन्होंने ऐसे ड्रग की बिक्री के लिए प्लैटफॉर्म दिया, जो बिना वैध ड्रग लाइसेंस के बेचा जा रहा था। यह ड्रग्स और कॉस्मेटिक्स ऐक्ट के तहत दंडनीय अपराध है।