27.1 C
Indore
Saturday, November 2, 2024

सोशल साइट्स : चर्चित रहने का एक अच्छा जरिया

social-media-logosसमीक्षक का काम टिप्पणी करना होता है। उसकी समझ से वह जो भी कर रहा है, ठीक ही है। मैं यह कत्तई नहीं मान सकता, क्योंकि टिप्पणियाँ कई तरह की होती हैं। कुछेक लोग उसे पसन्द करते हैं, बहुतेरे नकार देते हैं। पसन्द और नापसन्द करना यह समीक्षकों की टिप्पणियाँ पढ़ने वालों पर निर्भर हैं। बहरहाल कुछ भी हो आजकल स्वतंत्र पत्रकार बनकर टिप्पणियाँ करने वालों की संख्या में वृद्धि हुई हैं, जिनमें कुछ नए हैं तो बहुत से वरिष्ठ (उम्र के लिहाज से) होते हैं। 21वीं सदी फास्ट एरा कही जाती है, इस जमाने में सतही लेखन को बड़े चाव से पढ़ा जाता हैं। बेहतर यह है कि वही लिखा जाये जो पाठको को पसन्द हो! आकरण अपनी विद्वता कर परिचय देना सर्वथा उपयुक्त नहीं हैं।

चार दशक से ऊपर की अवधि मंे मैने भी सामयिकी लिखने में अनेकों बार रूचि दिखाई, परिणाम यह होता रहा कि पाठकों के पत्र आ जाते थे, वे लोग स्पष्ट कहते थे कि मैं अपनी मौलिकता न खोऊँ। तात्पर्य यह कि वही लिखँू जिसे हर वर्ग का पाठक सहज ग्रहण कर ले। जब जब लेखक साहित्यकार बनने की कोशिश करता है, वह नकार दिया जाता है। जिसे साहित्य ही पढ़ना होगा, वह अखबार/पोर्टल क्यों सब्सक्राइब करेगा? लाइब्रेरी जाकर  दीमक लगी पुरानी सड़ी-गली जिल्द वाली पुस्तकें लेकर अध्ययन करेगा। मीडिया के आलेख अध्ययन के लिये नहीं अपितु मनोरंजनार्थ होने चाहिये। 

वर्तमान में जब हर कोई भौतिकवादी है तब उसके शरीर में अनेकानेक बीमारियाँ होने लगी हैं। तनावों से उबरने के लिये वह ऐसे आलेखों का चयन करता है जो कम से कम उसे थोड़ी देर के लिये तनावमुक्त कर सके। मैने ऐसे लोगों को भी देखा है जिन्होने अपनी ‘स्टडी’ बना रखी है उसमें करीने से मोटी-मोटी पुस्तकों को सजा कर रखा हैं लेकिन पढ़ा कभी नहीं ऐसा मैने जब उनसे पूँछा तब उन सभी ने कहा कि यह एक दिखावा है ताकि लोग उन्हें पढ़ा-लिखा समझें। 

हालाँकि जब मैने अपने अनुभवों को विषय वस्तु बनाकर लिखा तब कथिक स्तरीय प्रकाशकों ने उसे नकार दिया। संभवतः ऐसे आलेख उनके प्रकाशन के लिये उपयुक्त नहीं होते रहे होंगे। इन्टरनेट के युग मंे फेसबुक पर लिखे गये संक्षिप्त आलेखों को हजारों/लाखों लोग पसन्द करते हैं। यही पाठक अखबारों/पोर्टलों पर छपे समीक्षात्मक आलेखो की तरफ ध्यान ही नहीं देते हैं। कई प्रकाशको को देखा है कि वह लोग ऐसे लोगों के आलेखों को’ ‘लिफ्ट’ करके अपने प्रकाशन में स्थान देते हैं जिसे लोग बड़े चाव से पढ़ते हैं।

21 वीं सदी फास्ट युग कही जाती है। अब जो लगभग हर हाथ मे ऐसे लेटेस्ट मोबाइल सेट्स है जिनमे इन्टरनेट के जरिये फेसबुक, टिवटर और व्हाट्सएप पर कुछ न कुछ लिखने वालों की तदाद बढ़ गयी हैं। ऐसे लोग चर्चा में भी रहते हैं। प्रिन्ट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में अपनी समीक्षाएँ छपवाने वाले टिप्पणीकारों के दिन लद रहे हैं। इसलिए अब उन्हें होशियार  हो जाना चाहिए और फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सएप पर लिखना शुरू करें। फेसबुक पर लोगांे के चेहरे (खिले हुए) देखकर मुझे ईर्श्या होने लगी है। लेकिन क्या करूँ मेरे साथ दिक्कत यह है कि ’दृष्टिदोष’ होने की वजह से मैं वह सब नहीं लिख सकता और न ही फोटो अपलोड कर सकता हँू जैसा कि अन्य लोग कर रहे हैं।

कहने को पिछले कई वर्षाें से एक वेबपोर्टल रेनबोन्यूज डॉट इन के नाम से ’ऑपरेट’ कर रहा हँू, लेकिन तकनीकी ज्ञान के अभाव में कागज पर लिखता हँू और आलेखों को टाइप करवाकर उस पर पोस्ट करवाता हूँ। दो वर्ष पूर्व तक उस पर छपे लेखों/संवादो पर पाठकांे की प्रतिक्रियाएँ भी आती थीं, लेकिन जब से सोशल साइट्स जैसे फेसबुक/ट्विटर/वहाट्सएप का प्रचलन बढ़ने लगा पोर्टल/ब्लाग्स भी महत्वहीन होने लगे हैं।

बड़े-बड़े जानकर समीक्षक-टिप्पणीकार-कलमकार फेसबुक पर मिलते हैं। अब तो राजनेता-प्रशासनिक अधिकारी नित्य की अपनी गतिविधियों को बखूबी विस्तार से फेेसबुक पर लिखकर हजारो-लाखों मित्रों को ’शेयर’ करते हैं। नेट/वेब की तकनीकी जानकारी भी फेसबुक पर देने वालों की काफी तदाद है। बड़ी मेहनत करते हैैं ये लोग। रात-रात भर जागकर रोचक आप बीती ’शेयर‘ करने वालों की संख्या वृद्धि ने प्रिन्ट पर समीक्षाएँ लिखने वालों को हाशिए पर लाना शुरू कर दिया है। ऐसा मुझे प्रतीत होता है- यह आप पर लागू हो इसकी कोई गारण्टी नहीं।


एक जानकार ने मेरे नाम से फेसबुक एकाउण्ट बना दिया है। कभी कभार उसमें मेरे आलेख पोस्ट कर दिये जाते है। ऊपर वाला गवाह है कि उसे कोई पसन्द तक नहीं करता है। इसका दोषारोपण किस पर करूँ? शायद  मुझमें तकनीकी ज्ञान का अभाव है, इसलिये अपने विचारों को प्रसारित करने में चूक जा रहा हँू। मेरेे फेसबुक एकाउण्ट मेें पोस्ट किये गये आलेख/विचारों पर किसी प्रकार की टिप्पणियाँँ नहीं होती हैं। इसका सीधा सा कारण है कि मेरे फेसबुक मित्रो की संख्या नगण्य है, जो हैं भी उन्हें मेरे विचार पसन्द नहीं होते होंगे। 

बहरहाल! मुझे प्रतीत हो रहा है कि अब वह दिन दूर नहीं जब समीक्षकों के  लेखादि जो पत्र-पत्रिकाओं में छपे होंगें उन पर किसी भी प्रकार की प्रतिक्रियाँए देखने/सुनने/पढ़ने को नहीं मिलेगी। तब क्या करेंगे ये लोग……? इसीलिए इन लोगों ने सोशल साइट्स का सहारा लेना शुरू कर दिया है। किराये पर आर्टकिल अपलोडर्स/अपडेटर्स रखकर ये लोग अपने विचारों को इन साइट्स पर अपलोड करवाते है और वाह-वाही लूट रहें हैं।


अब मैंने भी निश्चय कर लिया है कि यदि पढ़े-लिखे लोगों में चर्चित रहकर जिन्दा रहना है तो फेसबुक…. आदि सोशल साइट्स पर कुछ न कुछ अपलोड कराया जाए। एक सज्जन ने मुझे एन्ड्रायड मोबाइल फोन गिफ्ट करने को कहा है और बताया कि इसमें लिखकर अपलोड करना आसान होता है। अब मैं बेसब्री से इंतजार कर रहा हँू उस दिन का जब मुझे एन्ड्रायड फोन गिफ्ट में मिलेगा।

डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी

DR. Bhupinder Singh Grgvanshडॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी
प्रबन्ध सम्पादक
रेनबोन्यूज डॉट इन

 

Related Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...

सीएम शिंदे को लिखा पत्र, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर कहा – अंधविश्वास फैलाने वाले व्यक्ति का राज्य में कोई स्थान नहीं

बागेश्वर धाम के कथावाचक पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का महाराष्ट्र में दो दिवसीय कथा वाचन कार्यक्रम आयोजित होना है, लेकिन इसके पहले ही उनके...

IND vs SL Live Streaming: भारत-श्रीलंका के बीच तीसरा टी20 आज

IND vs SL Live Streaming भारत और श्रीलंका के बीच आज तीन टी20 इंटरनेशनल मैचों की सीरीज का तीसरा व अंतिम मुकाबला खेला जाएगा।...

पिनाराई विजयन सरकार पर फूटा त्रिशूर कैथोलिक चर्च का गुस्सा, कहा- “नए केरल का सपना सिर्फ सपना रह जाएगा”

केरल के कैथोलिक चर्च त्रिशूर सूबा ने केरल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि उनके फैसले जनता के लिए सिर्फ मुश्कीलें खड़ी...

अभद्र टिप्पणी पर सिद्धारमैया की सफाई, कहा- ‘मेरा इरादा CM बोम्मई का अपमान करना नहीं था’

Karnataka News कर्नाटक में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि सीएम मुझे तगारू (भेड़) और हुली (बाघ की तरह) कहते हैं...

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Stay Connected

5,577FansLike
13,774,980FollowersFollow
136,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...