नई दिल्ली : वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार ने सॉलिसिटर जनरल के पद से इस्तीफा दे दिया है. यह देश का दूसरा सबसे वरिष्ठ विधि अधिकारी का पद है। विधि एवं न्याय मंत्री रवि शंकर प्रसाद के कार्यालय को रंजीत कुमार का त्याग पत्र शुक्रवार को मिला। रंजीत कुमार ने सॉलिसिटर जनरल पद से इस्तीफा देने की पुष्टि की है। जबकि उनके नजदीकी सूत्रों ने बताया कि उन्होंने ‘निजी कारणों से’ इस्तीफा दिया गया है। मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद जून 2014 में रंजीत कुमार को सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया था। सॉलिसिटर जनरल के रूप में उनका दूसरा कार्यकाल हाल ही में शुरू हुआ था।
कुछ महीने पहले यह चर्चा थी कि सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम शीर्ष अदालत के न्यायाधीश पद के लिए उनके नाम पर विचार कर रही है। हाल ही में वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने अटॉर्नी जनरल के पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने सरकार को लिखे पत्र में कहा था कि अटॉर्नी जनरल के रूप में दूसरे कार्यकाल में उनकी दिलचस्पी नहीं है। रोहतगी के इस्तीफे के बाद वरिष्ठ अधिवक्ता केके वेणुगोपाल को नया अटॉर्नी जनरल नियुक्त किया गया था।
अपने सहकर्मियों को लिखे संदेश में रंजीत कुमार ने कहा है, ‘मैं अपने निजी और पारिवारिक मुद्दे की वजह से इस्तीफा दे रहा हूं, जिन्हें मुझे देखना चाहिए था लेकिन काम की वजह से मैं ऐसा नहीं कर पा रहा था।’ उन्होंने एनडीटीवी से बातचीत में सरकार के साथ किसी भी तरह के विवाद से इनकार करते हुए कहा, ‘सरकार का व्यवहार मेरे साथ अच्छा है। रंजीत कुमार को संवैधानिक कानून, सेवा व कर मामलों में विशेषज्ञ माना जाता है।