तूतीकोरिन : तमिलनाडु के तूतीकोरिन में गरीबी के चलते एक बेटा अपनी मां का अंतिम संस्कार नहीं कर सका तो उनकी लाश को गड्ढे में फेंक दी। बेटा मंदिर में पुजारी है और मां की मौत के बाद उसके पास इतने रुपये नहीं थे कि वह उनका अंतिम संस्कार कर सके। महिला की पहचान 60 वर्षीय एन बसंती के रूप में हुई है।
बसंती तूतिकोरिन के धनसेकरन नगर में अपने अविवाहित बेटे एन मुथुलक्ष्मणन के साथ रहती थीं। उनके पति चेन्नै के एक घर में रहते हैं। पुलिस के अनुसार बसंती के पति बहुत गरीब हैं। मुथुलक्ष्मणन एक स्थानीय मंदिर में पुजारी हैं लेकिन उन्हें मंदिर से पर्याप्त आय नहीं होती थी।
पुलिस ने बताया कि मां-बेटे इतने गरीब थे कि दोनों को भरपेट खाना भी नहीं मिलता था। खाना न मिलने का असर यह हुआ कि दोनों का शरीर काफी कमजोर हो गया था। कमजोरी के कारण मां बीमार हो गई थी लेकिन बेटा उनका इलाज भी नहीं करा पाया। रविवार को बसंती ने भूख से दम तोड़ दिया।
बेटे के पास अंतिम संस्कार करने का कोई साधन नहीं था इसलिए उसने उनके शरीर को एक बेडशीट में लपेट लिया और एक कूड़ेदान में ले जाकर फेंक दिया। बेटे ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसे लगा कि नगर निगम वाले कूड़ा उठाने आएंगे तो लाश देखकर वे स्वयं ही उसका दाह संस्कार कर देंगे। उसे यह कतई अंदाजा नहीं था कि इस मामले में पुलिस को सूचना दी जाएगी।
उधर, कूड़ेदान में लाश मिलने की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लिया। पोस्टमॉर्टम कराया गया जहां महिला के पेट में अन्न नहीं मिला। पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू की और बाद में शव मुथुलक्षमणन को सौंप दिया गया। समुदाय के कुछ लोगों ने मुथु की मदद की और फिर महिला का दाह संस्कार किया गया।