मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर पार्टी में खुलकर गुटबाजी सामने आने लगी है। सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पीसीसी चीफ बनने से साफ इनकार कर दिया है, तो मंत्री गोविंद सिंह का दर्द भी झलक गया। जबकि सुरेश पचौरी ने कांग्रेस की अंतिरम अध्यक्ष सोनिया गांधी के फैसले को सबको मानने की बात कह डाली है।
हालांकि ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों ने इस्तीफा देने की धमकी देकर मामला पेचीदा कर दिया है।
पीसीसी चीफ बनने के सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने साफ इनकार कर दिया। उन्होंने हाथ हिलाकर इशारों में इनकार किया और कहा-नहीं, नहीं, नहीं। कमलनाथ वर्तमान PCC चीफ हैं, खाली नहीं है पद, कोई जल्दबाजी नहीं है।
हालांकि ज्योतिरादित्य सिंधिया की नाराजगी पर दिग्गी ने कहा,’मेरी सिंधिया से फोन पर बातचीत हुई है। वह नाराज नहीं हैं।’
मंत्री गोविंद सिंह का पीसीसी चीफ को लेकर दर्द झलग गया। उन्होंने कहा कि हमें छोड़कर सब पीसीसी चीफ बनने को तैयार बैठे हैं। मेरा जब समय था तब पार्टी ने मुझे पीसीसी बनाया नहीं और अब मेरी कोई इच्छा नहीं है।
सार्वजनिक रूप से किसी भी नेता ने पीसीसी चीफ बनने की इच्छा व्यक्त नहीं की है और जो कोई इच्छा व्यक्त करें भी तो बिना सोनिया गांधी के कुछ होना नहीं है।
सिंधिया समर्थकों द्वारा प्रदर्शन को लेकर गोविंद सिंह ने कहा कि प्रजातंत्र में सबको अपनी बात कहने का अधिकार है।
वहीं दिग्विजय सिंह के मंत्रियों को भेजे गए लेटर पर मंत्री गोविंद सिंह ने कहा कि हमें लेटर मिला है, वह हमारे नेता हैं और हम उनका आदर करते हैं, जो भी लेटर में मांगी गई जानकारी है, उसे दिया गया है।
जबकि लेटर पर मंत्री पीसी शर्मा ने कहा, ‘उसमें जो जानकारी मांगी गई थी वह सब जानकारी दे दी है।’
यही नहीं, अवैध रेत उत्खनन पर मंत्री गोविंद सिंह के बदले स्वर सामने आए। उन्होंने कहा कि बारिश के चलते रेत खनन बंद है। मैंने दतिया और भिंड में अवैध रेत खनन की बात 4 दिन पहले उठाई थी। अब वहां यूपी से आ रहे ट्रक जप्त किए जा चुके हैं।
पार्टी के अलग-अलग गुटों से पीसीसी चीफ के नाम सामने आ रहे हैं। सिंधिया गुट के समर्थकों ने तो जिलों के अंदर इस्तीफा तक देने की बात कही है।
हालांकि वरिष्ठ नेता सुरेश पचौरी ने सभी गुटों को दो टूक नसीहत दी है। पीसीसी चीफ को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ने कहा कि निर्णय आलाकमान को करना है। सोनिया गांधी का विशेष अधिकार है। वह जो भी फैसला करेंगी, सबको मान्य होगा और करना पड़ेगा।