नई दिल्लीः विदेश जाने वाले भारतीय अब जल्द ही कई देशों में यूपीआई के जरिए भुगतान कर सकेंगे। इसके लिए नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने काम करना शुरू कर दिया है। अगले छह महीनों में प्रयोग के तौर पर संयुक्त अरब अमीरात और सिंगापुर से इसकी शुरुआत की जाएगी।
क्या है यूपीआई ?
यूपीआई यानी यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस एक अंतर बैंक फंड ट्रांसफर की सुविधा है, जिसके जरिए स्मार्टफोन पर फोन नंबर और वर्चुअल आईडी की मदद से पेमेंट की जा सकती है।
संयुक्त अरब अमीरात और सिंगापुर में पहले ही रुपे कार्ड की शुरुआत हो चुकी है। अब यहां यूपीआई पर काम चल रहा है। इससे इन देशों में जाने वाले भारतीय यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि डेबिट और क्रेडिट कार्ड की तरह ही, भारतीय संयुक्त अरब अमीरात और सिंगापुर में यूपीआई से भी पेमेंट कर सकेंगे।
इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के अनुसार, एनपीसीआई ग्लोबल पेमेंट प्रोडक्ट बनाना चाहता है जिससे यूपीआई का और अधिक इस्तेमाल हो सके। एनपीसीआई के ताजा आंकड़ों के अनुसार, सितंबर माह में यूपीआई के जरिए करीब 95.5 करोड़ ट्रांजेक्शन हुए थे। अगर इसका प्रयोग भारतीय यात्री देश से बाहर भी करते हैं, तो भारत में इसे और भी लोग अपनाएंगे।
भारतीय रिजर्व बैंक ( RBI ) द्वारा डिजिटल पेमेंट पर नंदन निलेकणी की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी ने सुझाव दिया था कि एनपीसीआई को भारत के बाहर भी यूपीआई, रुपे कार्ड और भीम जैसे पेमेंट सिस्टम का विस्तार करना चाहिए। फेसबुक, गूगल और शाओमी जैसी ग्लोबल कंपनियों ने यूपीआई पेमेंट सिस्टम में प्रवेश किया है।
इससे पहले अगस्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूएई के बाजार में रुपे कार्ड की पेशकश की थी, संयुक्त अरब अमीरात पश्चिम एशिया का पहला देश बन गया था जिसने इलेक्ट्रॉनिक भुगतान की भारतीय प्रणाली को अपनाया। भारत इससे पहले सिंगापुर और भुटान में रुपे कार्ड के चलने को शुरू कर चुका था।
तब विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया था कि, ‘भारत और यूएई की अर्थव्यवस्थाओं को एक दूसरे के और नजदीक लाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में यूएई में आधिकारिक तौर पर रुपे कार्ड को पेश किया गया। खाड़ी देशों में यूएई पहला देश है जिसने भारतीय रुपे कार्ड को अपनाया है। यूएई की कई कंपनियों ने रुपे भुगतान को स्वीकार करने की बात की है।’