अमेठी- सूबे के वीवीआईपी जनपद अमेठी और धोपाप नगरी सुल्तानपुर में नकली डीज़ल और नकली सरसों का तेल बनाने का खेल बृहद स्तर पर खेला जा रहा है । इन जनपदों में नकली तेल बनाने और बेचने का धन्धा धड़ल्ले से चल रहा है प्रदेश के ये जनपद इस धन्धे के लिए ‘हब’ बनते जा रहे है ।
अमेठी में जगदीशपुर,रानीगंज एवं मुंसीगंज और सुल्तानपुर में रवनिया,इसौली और हलियापुर के बाज़ारो में नकली डीज़ल की बिक्री अपने चरम पर है तो वही सूत्रो की माने तो रवनिया के पास एक बनी एक बिल्डिंग में सरसों के तेल में पाम ऑयल मिलाकर नकली सरसों के तेल की भारी खेप तैयार की जा रही है। जो उपभोक्ताओ को दिन प्रति दिन मौत की तरफ धकेल रही है। गरीबो के राशन कार्ड पर मिलने वाले केरोसिन तेल को राशन डीलर मोटे मुनाफे पर काले कारोबारियो को बेच देते है।
जहाँ इसमें नेप्था केमिकल, जला हुआ डीज़ल और झाग के तेल आदि के जरिये नकली डीज़ल बनाकर गाँवो में कमीशन खोर और सेट एजेंटो के द्वारा नकली डीज़ल की बिक्री करवायी जा रही है कुछ लोगो के मुताबिक नकली डीज़ल की कीमत खेप में लगभग 28 से 35 रूपये है कम कीमत के कारण किसान पेट्रोल पंप से डीज़ल खरीदने के बजाय इन्ही तेल माफियाओ से डीज़ल खरीदकर काम चलाते है कस्बो और ग्रामीण क्षेत्रो में इन धंधेबाज़ों की मौज कट रही है। जहाँ नक़ली सरसो के तेल के प्रयोग से जनता की ज़िन्दगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
वही दूसरी ओर मिलावटी डीज़ल के प्रयोग से ट्रैक्टर और पम्प सेट के पुर्जे जल्द ख़राब हो रहे है । सरकार को भी इस अवैध कालाबाज़ारी से लगभग लाखो रुपये प्रतिमाह की क्षति हो रही है सुल्तानपुर व् अमेठी में पुलिस ने कई ड्रम नकली डीज़ल का भारी खेप बरामद किया भी था लेकिन आपूर्ती महकमे की मिली भगत व् पुलिस की प्रतिमाह हिस्सेदारी की वजह से नतीजा शून्य रहा मामला चाहे जो भी लेकिन समाजवादी सरकार के शासन में जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ और गरीबो के घर का उजाला तेल माफियाओ के आँगन को क्यों रौशन कर रहा है यह एक गंभीर चिंता का विषय है।
रिपोर्ट @राम मिश्रा